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जस्टिस ठाकुर, पहले न्यायपालिका को साफ करिए, वहां भी है काफी भ्रष्टाचार : मार्कण्डेय काटजू

jusrice.thakur.katjuनई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू ने सुप्रीम कोर्ट पर विधायिका और कार्यपालिका का दायित्व अपने हाथ में लेने की कोशिश करने का आरोप लगाया। पूर्व न्यायाधीश काटजू ने मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर से न्यायपालिका को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की भी अपील की। गुरुवार को  जस्टिस काटजू ने सुप्रीम कोर्ट पर निशाने साधते हुए एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, “मेरे ख्याल में भारतीय संविधान में शक्ति का विभाजन है। लेकिन लगता है कि सुप्रीम कोर्ट ऐसा नहीं सोचता, उसे लगता है कि विधायिका और कार्यपालिका का दायित्व निभाना भी उसी का काम है, ऐसे में मैं संसद, राज्य विधान सभाओं और कार्यपालिका को राय दूंगा कि वो अपना सारा दायित्व न्यायपालिका को सौंप दें और उसे ही देश चलाने दें।” पूर्व न्यायाधीश काटजू ने अपने फेसबुक पर लिखा, “जस्टिस ठाकुर, दूसरी संस्थाओं को साफ करने से पहले न्यायपालिका को साफ करिए। न्यायपालिका में भी काफी भ्रष्टाचार है। डॉक्टर, अपना इलाज करिए।”

जस्टिस काटजू ने सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधते हुए कहा है, “…बेशक ये अलग बात है कि न्यायपालिका का एक तबका भ्रष्ट है और मुकदमों के निपटारे में अनिश्चित समय लेता है। लेकिन इससे क्या फर्क पड़ता है?” जस्टिस काटजू ने एक अन्य फेसबुक पोस्ट में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसलों पर सवाल उठाया है। इसके अलावा उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से जुड़े एक फैसले और कृष्ण जन्माष्टमी पर मुंबई में होने वाले दही-हांडी त्योहार पर लगाई गई बंदिशों को भी प्रश्नांकित किया।

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में सुधार के लिए जस्टिस आरएम लोढ़ा समिति की गठन किया है। जिसके बाद बीसीसीआई ने जस्टिस काटजू को अपने चार सदस्यीय कानूनी पैनल का प्रमुख नियुक्त किया. ये पैनल बोर्ड को जस्टिस लोढ़ा समिति के सुधारों से होने वाले प्रभावों को समझने में मदद करेगा। बीसीसीआई ने अपनी कार्यकारिणी समिति की बैठक में काटजू को बोर्ड की तरफ से बातचीत के लिए एकमात्र जरिया बनाने का फैसला किया। जस्टिस काटजू दुनिया की सबसे अमीर क्रिकेट संस्था को सलाह भी देंगे। काटजू के अलावा पैनल में एक अन्य कानूनविद अभिनव मुखर्जी शामिल होंगे.