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जल्लीकट्टू विवाद : तमिलनाडू के CM का ऐलान, हम लायेंगे SC के आदेश के खिलाफ “अध्यादेश”

चेन्नई। तमिलनाडु सरकार ने व्यापक प्रदर्शनों के मद्देनजर आज कहा कि एक या दो दिन में जल्लीकटूट का आयोजन सुनिश्चित करने के लिए वह अध्यादेश लाएगी. इसका मसौदा केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जा चुका है. इस बीच अटर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने जल्लीकट्टू के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि इस मामले में फैसला दिए जाने से पहले लोगों की सांस्कृतिक भावनाओं को देखा जाए.

अटर्नी जनरल ने कहा है कि लॉ-एंड-ऑर्डर को बनाए रखने जरूर है. जल्लीकट्टू पर मैत्रीपूर्ण हल निकालने के लिए केंद्र और तमिलनाडु सरकार आपस में बात कर रहे हैं. अटर्नी जरनल ने कोर्ट से आग्रह किया कि जल्लीकट्टू के मुद्दे पर कम-से-कम एक सप्ताह तक फैसला न सुनाएं, जिसे कोर्ट ने मान लिया है.

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा और विधि विशेषज्ञों के साथ परामर्श के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम ने आज सुबह घोषणा की कि राज्य में जल्लीकट्टू खेल के आयोजन को मंजूरी देने के लिए वह केंद्र सरकार के सहयोग से पशुओं पर क्रूरता रोकथाम से जुड़े केंद्रीय कानून में संशोधन करेगी.

मुख्यमंत्री ने राज्यभर में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों से आंदोलन खत्म करने की अपील की और कहा कि एक या दो दिन में इस खेल का आयोजन की संभावना है. पनीरसेल्वम इस मुद्दे पर विधि विशेषज्ञों और सरकारी अधिकारियों की राय लेने के लिए गुरुवार को दिल्ली में ही थे. उन्होंने कहा कि अध्यादेश का मसौदा तैयार कर आज गृह मंत्रालय को भेज दिया गया. केंद्र की मंजूरी मिलने के बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.

उन्होंने कहा है कि गुरुवार को मैं दिल्ली में ही था और यहां विधि विशेषज्ञों और सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ केंद्र के पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम में राज्य स्तर पर संशोधन के बारे में चर्चा की. परामर्श के बाद इस कानून में राज्य स्तर पर संशोधन करने का फैसला लिया गया.