Breaking News

जय भारत मारुति ग्रुप का करोड़ों का कालाधन जब्त

नई दिल्ली। देश में बड़े लोगों पर कार्रवाई नहीं होती, ऐसा कहने वालों को आज पीएम मोदी ने जवाब दिया है. लालू यादव की संपत्ति जब्त होने के साथ-साथ देश के एक बड़ी ऑटोमोबाइल कलपुर्जे बनाने वाली कंपनी जय भारत मारुति ग्रुप (जेबीएम) के दिल्ली-एनसीआर में 50 से अधिक ठिकानों पर आयकर विभाग की टीमों ने छापे मारे हैं. गुरुवार को छापेमारी की कार्रवाई शुरू की गयी थी, जो दो दिन बाद यानी शनिवार तक जारी रही.

गुरुवार से मारे जा रहे छापों में अब तक विभिन्न स्थानों पर छुपा कर रखे गए 70000000 रूपए नकद और एक शौचालय में छुपा कर रखे गए सोने-चांदी के 3 किलोग्राम से अधिक आभूषण बरामद किए जा चुके हैं. बताया जा रहा है कि नोटबंदी के दौरान कई सफेदपोश कारोबारियों ने अपने कालेधन से सोने-चांदी के आभूषण खरीद लिए थे और बैंकों की मिलीभगत के जरिये अरबों का कालाधन सफ़ेद कर लिया था.

मगर मोदी के किसी को भी ना बक्शने के सख्त आदेश के बाद से जांच एजेंसियां और आयकर विभाग इन कालेकुबेरों के पीछे पड़ गया है. विभाग के सूत्रों के मुताबिक़ जय भारत मारुती के राजधानी दिल्ली-एनसीआर में 50 ठिकानों पर अब तक छापेमारी की कार्रवाई जारी है. गुरुवार को छापे मारना शुरू किया गया था. दिल्ली के साथ ही गुडग़ांव, फरीदाबाद और गाजियाबाद में कार्रवाई की गई है.

अरबों का व्यापार करने वाली कंपनी निकली महाभ्रष्ट
बता दें कि जय भारत मारुति ग्रुप वाहनों के कलपुर्जे बनाती है और कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड और भारी व्यवसायिक वाहन बनाने वाली अशोक लेलैंड जैसी कंपनियों को कलपुर्जों की आपूर्ति करती है. कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक वो ऑटोमोटिव, इंजीनियरिंग और डिजाइन सेवाओं, नवीकरणीय ऊर्जा और शिक्षा के क्षेत्र में काम करती है और वैश्विक स्तर पर कुल 18 स्थानों पर 35 विनिर्माण संयंत्रों, 4 इंजीनियरिंग और डिजाइन केंद्रों के बुनियादी ढांचे पर अरबों डॉलर का कारोबार है.

कांग्रेस की शह में दशकों से मची थी लूट
बड़ी-बड़ी कंपनियां पिछले ना जाने कितने सालों से टैक्स चोरी और गलत धंधों से कालाधन जमा करती आयी हैं, लेकिन मक्कार व् भ्रष्ट कांग्रेस सरकार ने किसी के खिलाफ एक कदम तक नहीं उठाया.

कदम उठाते भी कैसे, कोंग्रेसी तो खुद ही देश को लूटने में लगे जो थे. बहरहाल कालेधन के खिलाफ मोदी सरकार की मुहिम के तहत आयकर विभाग अब उन कंपनियों पर पैनी नजर रख रही है, जिनके संदिग्ध लेनदेन में शामिल होने की आशंका है. पिछले कुछ समय से इसे लेकर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल तमाम फर्जी कंपनियों पर भी शिकंजा कसा गया है.