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जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती से केंद्र सरकार नाराज

mufti-2नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के हालात संभालने के मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के तौर तरीकों से केंद्र सरकार संतुष्ट नहीं है। अगस्त के अंत तक घाटी में मौजूदा अशांति के पचास दिन भी पूरे हो जाएंगे और तब तक हालात काबू में नहीं आए तो केंद्र सरकार सख्त कदम उठा सकती है। इसके पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह अपने कश्मीर दौरे में राज्य सरकार को सख्त कदम उठाने के निर्देश देंगे, ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।

राज्य में सबसे खराब हालात दक्षिण कश्मीर में है, जहां पीडीपी का दबदबा माना जाता है। भाजपा नेताओं का मानना है कि पीडीपी वोट बैंक की राजनीति के तहत ही कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रही है।

सूत्रों के अनुसार राजनाथ सिंह का दौरा राज्य सरकार पर प्रभावी कार्रवाई के लिए दबाब बनाना व राजनीतिक संवाद की पहल करना है। इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी राज्य के विपक्ष के नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। पत्थरबाजी में पहचाने गए लगभग 80 लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने को लेकर भी केंद्र सरकार महबूबा से नाराज है।

राज्यपाल शासन आखिरी विकल्प होगा
कश्मीर मामलों से जुड़े भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि राजनाथ सिंह के कश्मीर से लौटने के बाद हालात की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद कुछ राजनीतिक फैसले भी लिए जा सकते हैं।

सूत्रों का कहना है कि अगर राज्य सरकार कोई प्रभावी कार्रवाई करने में विफल रहती है तो राज्य में राज्यपाल बदला जा सकता है। इससे इस बात के भी संकेत हैं कि भविष्य में भाजपा पीडीपी सरकार से समर्थन वापस लेकर राज्यपाल शासन के जरिए हालात संभालने की कोशिश कर सकती है। भाजपा व केंद्र सरकार दोनों के लिए कश्मीर का मुद्दा सबसे अहम है। खासकर प्रधानमंत्री मोदी के लाल किले के भाषण के बाद जिसमें उन्होंने पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक का जिक्र किया था।