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जडेजा ने हैंड्सकॉम्ब, तो अश्विन ने स्टीव स्मिथ को भेजा पैवेलियन, लगातार झटके दो विकेट

पुणे। टीम इंडिया वर्तमान में आईसीसी की टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन है, तो ऑस्ट्रेलियाई टीम नंबर दो पर है. जाहिर है जब दो शीर्ष टीमों की टक्कर हो रही है, तो रोमांच तो रहेगा ही. फैन्स की नजरें पुणे में खेले जा रहे पहले टेस्ट पर टिकी हैं. यहां के एमसीए स्टेडियम में 4 मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच खेला जा रहा है. ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए लंच के बाद 4 विकेट पर 149 रन बना लिए हैं. कंगारुओं को पहल झटका 82 के स्कोर पर डेविड वॉर्नर (38) के रूप में लगा. उन्‍हें उमेश यादव ने बोल्‍ड किया. इसी स्कोर पर उनको एक और बड़ा झटका सहना पड़ा, जमकर खेल रहे ओपनर मैट रेनशॉ (36) को स्वास्थ्य कारणों से रिटायर्ड हर्ट होना पड़ा. इससे पहले टीम इंडिया को उस समय पहली सफलता मिलते-मिलते रह गई थी जब पारी के 15वें ओवर में वॉर्नर को 20 के निजी स्कोर पर स्पिनर जयंत यादव ने पैरों के पीछे से बोल्ड कर दिया, लेकिन नोबॉल हो गई

ऑस्ट्रेलिया का विकेट पतन – 1/82 (डेविड वॉर्नर- 38), 1/82 (मैट रेनशॉ- 36 रिटायर्ड नॉटआउट), 2/119 (शॉन मार्श- 16), 3/149 (पीटर हैंड्सकॉम्ब- 22),

लंच के बाद पहले घंटे के भीतर ही तेज गेंदबाज भुवनएश्वर कुमार की जगह शामिल किए गए स्पिनर जयंत यादव ने शॉन मार्श को 16 रन पर कैच करा दिया. मार्श को विराट कोहली ने लेग स्लिप पर लपका. लगभग ऐसी ही गेंद पर जयंत ने वॉर्नर को बोल्ड किया था, लेकिन अंपायर ने नोबॉल करार दिया था. मार्श और स्मिथ के बीच 37 रनों की साझेदारी हुई. स्मिथ ने इसके बाद पीटर हैंड्सकॉम्ब के साथ पारी को संभालने की कोशिश की.

ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ को भारतीय गेंदबाजी रास आती है और भारत के खिलाफ उनका टेस्ट में औसत बेहद शानदार है. उन्होंने इस मैच से पहले तक टीम इंडिया के साथ खेलते हुए 12 पारियों में चार शतक और तीन फिफ्टी लगाई हैं. यह उनका किसी भी टीम के खिलाफ दूसरा बेस्ट है.

डेविड वॉर्नर टेस्ट मैचों में 10 पारियों में टीम इंडिया के तेज गेंदबाज उमेश यादव का 5 बार शिकार बन चुके हैं. वॉर्नर के अलावा ऑस्ट्रेलिया के शॉन मार्श को भी वह 5 बार लौटा चुके हैं. किसी भी बल्लेबाज को सबसे अधिकर बार आउट करने के मामले में वॉर्नर और मार्श संयुक्त रूप से उनके पसंदीदा शिकार हैं.

जीवनदान का फायदा नहीं उठा पाए वॉर्नर
टीम इंडिया की ओर से गेंदबाजी की शुरुआत तेज गेंजबाज ईशांत शर्मा ने की, लेकिन अगले ही ओवर में विराट कोहली ने अपने ट्रंप कार्ड आर अश्विन को आक्रमण में उतार दिया. डेविड वॉर्नर और मैट रेनशॉ ने सधी हुई शुरुआत की. पारी के चौथे और अश्विन के दूसरे ओवर की दूसरी ही गेंद पर मैट रेनशॉ चकमा खा गए और गेंद उनके बल्ले का किनारा लेते-लेते रह गई. अश्विन और जयंत दोनों ने पहले घंटे में ऑस्ट्रेलिया के ओपनरों को परेशान किया, लेकिन गेंद ने उनके बल्ले का किनारा नहीं लिया. टीम इंडिया को उस समय पहली सफलता मिलेत-मिलते रह गई जब पारी के 15वें ओवर में डेविड वॉर्नर को 20 के निजी स्कोर पर स्पिनर जयंत यादव ने पैरों के पीछे से बोल्ड कर दिया, लेकिन नोबॉल हो गई. यादव का पैर बॉलिंग क्रीज से काफी आगे निकल गया. ऑस्ट्रेलिया को पहला झटका 82 रन पर लगा, जब डेविड वॉर्नर (38) आउट हो गए, उन्‍हें उमेश यादव ने बोल्‍ड किया. ऑस्‍ट्रेलिया को एक और झटका तब  लगा जब मैट रेनशॉ (36) को 82 रन पर ही रिटायर्ड हर्ट होना पड़ा.

टॉस हारने के बाद कप्तान विराट कोहली ने कहा कि उन्होंने तीन सत्रों में बेहतरीन तैयारी की है और टॉस के बारे में ज्यादा नहीं सोचते. विराट के अनुसार मैच में रिवर्स स्विंग का रोल अहम होगा. हालांकि उन्होंने टीम संयोजन में एक चौंकाने वाला फैसला लिया और रिवर्स स्विंग की संभावना के बावजूद तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार की जगह स्पिनर जयंत यादव को मौका दे दिया. विकेट सूखा है और टर्न लेगा. ऐसे में कोहली का यह फैसला निर्णायक भी साबित हो सकता है.

टीम इंडिया ने जिस तरह से वेस्‍टइंडीज, न्‍यूजीलैंड, इंग्‍लैंड और फिर बांग्‍लादेश के खिलाफ टेस्‍ट सीरीज में जिस शानदार अंदाज में जीत हासिल की है, उसे देखते हुए हर कोई टीम इंडिया को जीत का दावेदार मान रहा है. टीम इंडिया इससे पहले न्यूजीलैंड को 3-0, इंग्लैंड को 4-0 और बांग्लादेश को 1-0 से हरा चुकी है. टीम इंडिया की नजरें इस समय लगातार सातवीं सीरीज जीतने पर टिकी हैं जिस क्रम की शुरुआत 2015 में श्रीलंकाई सरजमीं पर हुई तीन मैचों की सीरीज से हुई थी. भारतीय कप्तान विराट कोहली ने मोर्चे से अगुआई की है और पिछली चार सीरीज में चार दोहरे शतक जड़ चुके हैं. भारत ने दिसंबर 2012 के बाद से 20 घरेलू टेस्ट मैच खेले हैं जिनमे से 17 में उन्हें जीत हासिल हुई है और 3 मैच ड्रॉ रहे हैं.

भारतीय टीम घरेलू मैदानों पर पिछले 20 टेस्ट से अजेय है, वहीं ऑस्ट्रेलियाई एशियाई धरती पर 9 टेस्ट मैचों से लगातार हार रही है, वहीं भारतीय धरती की बात करें तो उसे अंतिम बार यहां लगभग 12 साल पहले जीत मिली थी. ऐसे में निश्चित रूप से टीम इंडिया का पलड़ा भारी है. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत 1947-48 में भारत के ऑस्ट्रेलिया टूर से हुई थी. 5 टेस्ट की इस सीरीज में भारत 4-0 से हार गया था. भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली टेस्ट सीरीज 1979-80 में जीती थी. दोनों के बीच 1947 से अब तक 90 टेस्ट खेले जा चुके हैं, जिनमें से भारत ने 24 मैच जीते हैं. यदि टीम इंडिया पुणे टेस्ट जीत जाती है, तो जीत की कंगारुओं के खिलाफ जीत की सिल्वर जुबली पूरी कर लेगी. ऑस्ट्रेलिया ने 40 टेस्ट जीते हैं, जबकि एक मैच टाई रहा और 25 मैच ड्रॉ रहे हैं.

ऑस्ट्रेलिया के लिए साल 2004 के बाद से भारत का दौरा ठीक नहीं रहा है. इतना ही नहीं यदि एशियाई धरती की बात करें तो वहां भी उसे लगातार 9 टेस्ट मैचों में हार मिली है. पिछले एक दशक में ऑस्ट्रेलिया ने भारत में 10 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमे उन्हें 8 में हार मिली और 2 टेस्ट ड्रॉ रहे.

रविचंद्रन अश्विन को भारतीय धरती पर 200 विकेट पूरे करने के लिए सिर्फ 13 विकेट चाहिए. ऐसे करते ही वह अनिल कुंबले (350), हरभजन सिंह (265) और कपिल देव (219) के बाद ये उपलब्धि हासिल करने वाले चौथे भारतीय गेंदबाज बन जाएंगे.

दोनों टीमें इस प्रकार हैं…
भारत: विराट कोहली (कप्तान), मुरली विजय, लोकेश राहुल, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, ऋद्धिमान साहा, रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, ईशांत शर्मा, जयंत यादव और उमेश यादव.

ऑस्ट्रेलिया: स्टीव स्मिथ (कप्तान), डेविड वॉर्नर, पीटर हैंड्सकॉम्ब, जॉश हेजलवुड, नैथन लियोन, मिचेल मार्श, शॉन मार्श, स्टीफन ओकीफी, मैट रेनशॉ, मिचेल स्टार्क और मैथ्यू वेड.