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छह दिन में तीन बार बदल गए मथुरा हिंसा के जांच अधिकारी

सरकार क्या किसी को बचाने के लिए बार-बार बदल रही है जांच अधिकारी

घटना के मूल में  शिवपाल-रामगोपाल यादव की  अप्रत्यक्ष संलिप्तता के आरोप लग रहे है

जयगुरुदेव की 15 हजार करोड़ संपत्ति को लेकर शिवपाल-रामगोपाल के बीच बैकडोर से चल रही लड़ाई को अहम कारण बताया जा रहा है 

जवाहरबाग आपरेशन में एसपी दि्वेदी और एसओ संतोष यादव शहीद हुए और 27 लोगों की मौत का मामला सामने आया तो मामले ने पकड़ा तूल

shivpal,ramgopal,jaygurudevwww.puriduniya.com लखनऊ। मथुरा हिंसा में महज छह दिन के भीतर तीन बार जांच बदल दी गई। पहले दो कमिश्नरों के बीच जांच की अदला-बदली हुई। अब जाकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज मिर्जा इम्तियाज से न्यायिक जांच कराने की तैयारी हुई है। जांच को लेकर सरकार की इस असमंजस पर सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा कि आखिर सरकार क्या किसी को बचाने के लिए बार-बार जांच अधिकारी बदल रही। दरअसल यह सवाल इसलिए खास है क्योंकि इस मामले में विपक्ष मुलायम कुनबे पर हमलावर है। घटना के मूल में  शिवपाल-रामगोपाल यादव की  अप्रत्यक्ष संलिप्तता के आरोप लग रहे। घटना के पीछे जयगुरुदेव की 15 हजार करोड़ संपत्ति को लेकर शिवपाल-रामगोपाल के बीच बैकडोर से चल रही लड़ाई को अहम कारण बताया जा रहा। शिवपाल जहां जयगुरुदेव के ड्राइवर पंकज यादव को जयगुरुदेव की संपत्ति पर पहले ही कब्जा दिलाने में सफल रहे वहीं रामगोपाल की कोशिश रही कि वे अपने चेले रामवृक्ष के जरिए उस संपत्ति पर कब्जा करा सकें। इसके लिए जवाहरबाग में पकंज से निपटने के लिए रामवृक्ष पूरी तैयारी कर रहा था।

जब मथुरा के जवाहरबाग आपरेशन में एसपी दि्वेदी और एसओ संतोष यादव शहीद हुए और 27 लोगों की मौत का मामला सामने आया तो मामले ने तूल पकड़ लिया। इसके बाद दो जून को सपा सरकार ने आगरा कमिश्नर को जांच अधिकारी नियुक्त किया। अगले ही दिन तीन जून को अखिलेश सरकार ने उन्हें जांच से हटाकर अलीगढ़ कमिश्नर चंद्रकांत के हवाले कर दिया। जबकि आगरा के कमिश्नर ईमानदार छवि के माने जाते हैं। अब जाकर न्यायिक जांच कराने का सपा सरकार ने निर्णय लिया है।

इन बिंदुओं पर होगी जांच

कौन से कारण व परिस्थिति रहे, जिनकी वजह से हिंसा हुई

इंटेलीजेंस ने पहले क्या जुटाई थी सूचना, क्या उसे अफसरों ने संज्ञान में लिया था या खुफिया टीम नाकारा रही

डीएम-एसएसपी व अन्य सुपरवाइजरी अधिकारियों की भूमिका

आपरेशन जवाहरबाग के दौरान प्रशासन-पुलिस की रणनीति का स्तर क्या था