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चुनाव कार्यक्रम से दीदी खफा, कांग्रेस को जीत का यकीन

mamata didiकोलकाता। पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा हो गई है। 6 चरणों में होने जा रहा यह चुनाव एक महीने तक चलेगा। 4 अप्रैल से शुरू होकर 5 मई तक चलने वाली चुनाव की तारीखों से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बेहद नाराज हैं। दूसरी ओर विपक्षी दलों, वामदल और कांग्रेस ने चुनाव आयोग के इस फैसले का स्वागत किया है। प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख अधीर चौधरी ने तो आगे बढ़कर यह तक कह दिया कि ‘पहले चरण में कांग्रेस की जीत होगी।’ विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के सामने चुनाव के दौरान राजनीतिक हिंसा और तनाव की संभावना जताई थी। इसी को देखते हुए आयोग ने चुनाव के लिए 1 महीने का लंबा वक्त तय किया है।

ममता बनर्जी ने सवाल उठाया कि केवल पश्चिम बंगाल में ही 6 चरणों में चुनाव प्रक्रिया पूरा करने का फैसला क्यों किया गया। उन्होंने कहा, ‘मैं चुनाव आयोग के फैसले पर टिप्पणी नहीं करना चाहती हूं, लेकिन मैं इसे राजनैतिक साजिश कहूंगी। कांग्रेस, बीजेपी और सीपीएम ने हमारे खिलाफ साजिश रची है। वे राजनैतिक तौर पर हमारे साथ नहीं लड़ सकते, तो इस तरह के तरीके अपना रहे हैं।’

सीपीएम के राज्य सचिव सुरज्या कांत मिश्रा ने आयोग के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, ‘2011 में भी राज्य विधानसभा चुनाव को कई चरणों में कराया गया था। तब ममता ने चुनाव आयोग के खिलाफ आवाज क्यों नहीं उठाई थी?’

मदन, बायचुंग तृणमूल के टिकट पर लड़ेंगे चुनाव

चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के एक घंटे के अंदर ही, तृणमूल कांग्रेस ने सभी 296 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। शारदा चिट फंड मामले में आरोपी मदन मित्रा को उत्तरी 24 परगना के कामरहाटी सीट से टिकट देने की घोषणा की गई। मालूम हो कि मित्रा फिलहाल जेल में बंद हैं। पूर्व भारतीय क्रिकेटर लक्ष्मी रतन शुक्ला उत्तरी हावड़ा सीट से प्रत्याशी चुने गए हैं। बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया की हेटी वैशाली डालमिया को हावड़ा जिले की बैली सीट का उम्मीदवार चुना गया है।

वहीं मशहूर फुटबॉल खिलाड़ी बायचुंग भूटिया सिल्लीगुड़ी से तृणमूल के ही टिकट पर अपनी किस्मत आजमाएंगे। इससे पहले भी भूटिया ने 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गए थे।