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चीन की एक और काली करतूत आई दुनिया के सामने, करोड़ों लोगों के DNA सैंपल कर रहा इकट्ठा

न्यूयॉर्क। दुनियाभर के कई देशों के सामने कोरोना वायरस से लेकर विस्तारवादी आदत की वजह से घिर चुके चीन की एक और काली करतूत सामने आई है। चीनी सरकार देशभर में करोड़ों लोगों के डीएनए सैंपल इकट्ठे कर रही है। इसके पीछे ड्रैगन की मंशा अपने लोगों पर नजर रखने की है। डीएनए की मदद से चीन जैनेटिक डाटाबेस तैयार कर रहा है।

न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में, टोरंटो विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान में पीएचडी के छात्र एमिल डर्क और आधुनिक चीन में जातीय मुद्दों के विशेषज्ञ जेम्स लिबॉल्ड का कहना है कि असंतोष चीन में एक अपराध है और देश में उपजे संतोष का दमन करना पुलिस का प्रमुख कार्य है। उन्होंने अनुमान लगाया कि अधिकारियों का लक्ष्य साढ़े तीन करोड़ से लेकर सात करोड़ चीनी पुरुषों के डीएनए के नमूने एकत्र करना है।

उन्होंने लेख में लिखा कि पारिवारिक रिकॉर्ड्स, पुलिस रिपोर्ट्स में गवाहों के बयान आदि में ये डीएनए के सैंपल एक ताकतवर टूल की तरह बनकर उभरेंगे। इससे चीनी प्रशासन इन लोगों को आसानी से ट्रैक कर सकेगा, जिस भी वजह से वह करना चाहेगा। हालांकि, चीनी सरकार ने इस तरह के किसी भी कार्यक्रम के अस्तित्व से इनकार किया है। वहीं, लेखकों का कहना है कि वे चीनी सरकार के इस कदम के बारे में खुलासा करना जारी रखेंगे। इसमें ऑनलाइन सबूत जुटाना, सरकारी रिपोर्ट, डीएनए किट्स और परीक्षण सेवाओं के आधिकारिक खरीद आदेश शामिल हैं।

ऑस्ट्रेलियाई रणनीतिक नीति संस्थान द्वारा पिछले महीने प्रकाशित एक रिपोर्ट में लेखकों ने कहा कि उन्होंने चीनी सरकार के आनुवंशिक निगरानी के कार्यक्रम की सीमा को उजागर किया है। उन्होंने लिखा, ‘यह अब शिनजियांग, तिब्बत और अन्य क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, जोकि ज्यादातर जातीय अल्पसंख्यकों द्वारा आबादी वाले इलाकों हैं। इन इलाकों में सरकार की दमन की नीति सभी के सामने है।’ उन्होंने आगे कहा कि देशभर से लोगों के डीएनए को इकट्ठा किया जा रहा हे। इनमें से युन्नान और गुइझोउ के दक्षिणी-पश्चिम प्रांत, हुनान के मध्य-दक्षिणी प्रांत समेत कई अन्य प्रांत के लोग भी शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि हमें कई फोटोज बतौर सबूत मिली हैं, जिसमें पुलिस बच्चों से खून के नमूने ले रही है। यह संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन ऑन द राइट्स ऑफ द चाइल्ड के तहत चीन की जिम्मेदारियों का स्पष्ट उल्लंघन है। उन्होंने कहा, ‘और हमें आधिकारिक दस्तावेजों सहित नए प्रमाण मिले हैं, जिससे पता चलता है कि प्रमुख शहरी केंद्रों में डीएनए नमूने भी इकट्ठे किए जा रहे हैं।’