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चिली कवि पाब्लो नेरुदा की मौत की होगी जांच

pablo-nerudaसेंटियागो। जीनोमिक्स विशेषज्ञों और फॉरेंसिक विशेषज्ञों के एक अंतरराष्ट्रीय दल ने कहा है कि वह नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कवि पाब्लो नेरुदा के अवशेषों का अध्ययन करेंगे ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनके निधन का कारण क्या था। समाजवादी कवि का जनरल अगस्तो पिनोशे के नेतृत्व में चिली में 1973 के सैन्य तख्तापलट के बाद पैदा हुई अराजकता के बीच निधन हो गया था।

चिली सरकार ने 2015 में कहा था कि ‘यह स्पष्ट रूप से संभव है और इसकी अत्यधिक संभावना है’ कि उनकी मौत में ‘किसी तीसरे पक्ष’ का हाथ है, उसने सचेत किया कि और परीक्षण किए जाने की आवश्यकता है। कनाडा की मैक्मास्टर यूनिवर्सिटी के एंशिएंट डीएनए सेंटर और यूनिवर्सिटी ऑफ कोपेनहेगन के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग की प्रयोगशाला में नेरुदा की हड्डियों और उनके दांतों का परीक्षण किया जाएगा।

विशेषज्ञों का दल उस रोगजनक जीवाणु का पता लगाने पर ध्यान केंद्रित करेगा, संभवत: जिसके कारण नेरुदा की मौत हुई होगी। नेरुदा को प्रेम आधारित कविताओं के लिए जाना जाता है। वह एक वामपंथी राजनेता और पूर्व मार्क्सवादी राष्ट्रपति साल्वादोर आयेंदे के मित्र थे। नेरुदा को कैंसर था।

उन्होंने सैन्य तख्तापलट के बाद देश से बाहर जाने की योजना बनाई थी जहां वह तानाशाही के खिलाफ प्रभावशाली आवाज बन सकें लेकिन उनके नियोजित प्रस्थान से पूर्व उन्हें सेंटियागो के एक क्लीनिक ले जाया गया जहां कैंसर एवं अन्य बीमारियों का उपचार किया गया। नेरुदा का 23 सितंबर 1973 को प्राकृतिक कारणों से निधन हो गया लेकिन इस बात का संदेह है कि उनकी मौत में तानाशाही का हाथ था।