नई दिल्ली। चारा घोटाले के तीन मामलों में आरजेडी सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को सजा हो चुकी है। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव इस वक्त रांची की बिरसा मुंडा जेल में कैद हैं। भ्रष्टाचारी लालू यादव इस वक्त जेल से बाहर निकलने के लिए तड़प रहे हैं। लेकिन, उन्हें कहीं से भी कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। लालू यादव ने जमानत के लिए झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। लेकिन, हाईकोर्ट से भी लालू को तगड़ा झटका ही मिला। झारखंड हाईकोर्ट ने लालू यादव को जमानत देने से इनकार करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी। इसके साथ ही अदालत ने सीबीआई कोर्ट के रिकॉर्डस भी अदालत के समक्ष पेश करने को कहा। इस केस की सुनवाई अब दो हफ्ते के बाद होगी। यानी इन दो हफ्ते तक अब लालू यादव का जेल से बाहर निकलना नामुमकिन है। इसके अलावा आरजेडी नेताओं की ओर से हाईकोर्ट में एक और याचिका भी दायर की गई थी।
दरसअल, रांची में सीबीआई की विशेष अदालत ने देवघर ट्रेजरी मामले में लालू यादव को साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। उस वक्त सीबीआई की विशेष अदालत ने देवघर ट्रेजरी मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को बरी कर दिया था। सीबीआई अदालत के इसी फैसले के खिलाफ लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव और दूसरे नेताओं ने अदालत के खिलाफ ही विवादित टिप्पणी कर दी थी। इन नेताओं ने सीबीआई के जजमेंट को जातिवाद से जोड़ दिया था। इससे नाराज सीबीआई कोर्ट ने इन सभी नेताओं को कड़ी फटकार लगाते हुए अवमानना का नोटिस भी जारी कर किया था। लालू यादव की जमानत याचिका के साथ-साथ इस केस में नेताओं ने अर्जी दायर की थी। हाईकोर्ट ने लालू यादव की तो जमानत याचिका खारिज कर दी थी लेकिन, दूसरे मामले में सीबीआई कोर्ट के फैसले पर स्टे लगा दिया है।
इस केस की अगली सुनवाई अब नौ मार्च को होगी। उधर, झारखंड हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट की अवमानना के मामले में सीबीआई के जज से भी जवाब मांगा है। इस मामले में तेजस्वी यादव के अलावा शिवानंद तिवारी और रघुवंश प्रसाद सिंह को सीबीआई कोर्ट ने नोटिस जारी किया था। जिस पर अब झारखंड हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया गया है। दरसअल, चारा घोटाले केस में लालू यादव को अब तक तीन मामलों में सजा मिल चुकी है। एक मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली हुई है। जबकि दो केस देवघर ट्रेजरी और चाईबासा ट्रेजरी मामले में अभी जनवरी में ही उन्हें सजा मिली है। देवघर ट्रेजरी मामले में लालू को साढ़े तीन साल कैद और पांच लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। जबकि चाईबासा ट्रेजरी केस में सीबीआई की विशेष अदालत ने पांच साल कैद और पांच लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी। दूसरे केस में जगन्नाथ मिश्र को भी सजा हुई है।
चाईबासा ट्रेजरी केस में जब लालू यादव को सजा हुई थी उसी वक्त तेजस्वी यादव ने कह दिया था कि वो अदालत के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे। उस वक्त तेजस्वी ने इसे बीजेपी और संघ परिवार की साजिश करार दिया था। हालांकि तेजस्वी के इस बयान पर भी काफी हंगामा हुआ था। बीजेपी नेताओं का कहना था कि तेजस्वी अदालत की अवमानना कर रहे हैं। क्योंकि उनके कहने का मतलब यही थी कि सीबीआई कोर्ट में जो कुछ भी हो रहा है वो बीजेपी के इशारे पर ही हो रहा है। बहरहाल, अब लालू यादव का परिवार हाईकोर्ट से राहत की उम्मीद लगाए बैठा है। लालू की जमानत के लिए दो हफ्ते बाद की तारीख मुकर्रर की गई है। देखिए क्या होता है दो हफ्ते बाद। लालू को जमानत मिलती है या फिर वो जेल में ही रहते हैं। वैसे जानकारों का कहना है कि इस बार लालू का बाहर आ पाना बेहद मुश्किल है।