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चाय की दुकानों से यूपी में ‘भेदभाव’ मिटाने की कोशिश

Tea14लखनऊ।  डॉक्टर भीमराव अंबेडकर महासभा (डीबीआरएएम) ने अब यूपी में चाय के जरिए सामाजिक भेदभाव मिटाने की तैयारी शुरू कीी है। इसके तहत राज्य में दलितों खासकर वाल्मीकि और धानुक समाज के लोगों को चाय की दुकान खुलवाने में मदद की जाएगी। डीबीआरएएम अंबेकर की 125वीं जयंती को देखते हुए इस नए कदम की शुरुआत करने जा रहा है।
डीबीआरएएम के अध्यक्ष लालजी निर्मल ने बताया कि आज भी जाति आधारित भेदभाव एक सच है। शहरों में इसमें कुछ कमी आई है, लेकिन गांवों में अभी भी ऊंची जाति के लोग दलितों के घर खाना यहां तक पानी भी नहीं पीते। उनके मुताबिक चाय की दुकान खुलवाने का यह कैंपेन दलितों और महादलितों को मुख्यधारा में लाना है।

यूपी स्टेट कमिशन फॉर सफाई वर्कर्स के चेयरपर्सन जुगल किशोर वाल्मीकि ने कहा कि आप सूबे में कहीं भी घूम लीजिए लेकिन आपको दलित चायवाला या पूड़ीवाला नहीं मिलेगा। जुगल किशोर गुरुवार को इस तरह के पहले चाय स्टॉल का उद्घाटन करने जा रहे हैं।

इस मुहीम के तहत महासभा के गेट पहला स्टॉल खोला जाएगा। इसके बाद आने वाले समय में और भी दूसरे स्टॉल खोले जाएंगे।