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चांटा मारने के आरोपी विधायक ने अफसरों पर लगाए गंभीर आरोप

pd logमुंबई। मंत्रालय में उप सचिव स्तर के अधिकारी को चांटा मारने के आरोपों के बाद चर्चा में आए निर्दलीय विधायक बच्चू कडू ने शुक्रवार को विधानसभा में मंत्रालय के अधिकारियों पर उनके काम करने के तरीकों और जनता के साथ उनके व्यवहार पर जमकर रोष प्रकट किया। वे गुरुवार को ही जमानत पर रिहा हुए थे। जिस समय विधायक विधानसभा में मंत्रालय अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रहार कर रहे थे, उस समय मुख्यमंत्री भी सदन में मौजूद थे।

विधायक कडू ने मांग की कि कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने अधिकारी को पीट कर कानून तोड़ा है, तो अधिकारियों ने भी मंत्रालयों के भीतर धरना प्रदर्शन कर कानून तोड़ा है। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के निर्देश के अनुसार मंत्रालय के आसपास कोई धरना प्रदर्शन नहीं हो सकता। इसी कानून की वजह से राज्य के कोने-कोने से अपनी मांगों लेकर आने वाले लोगों को आजाद मैदान में रोक दिया जाता है। इसलिए कानून तोड़ने वाले मंत्रालय कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।

कडू ने कहा कि तलवार से ज्यादा लोग कलम से मारे गए हैं। एक गलत फैसला, सरकारी फाइल पर एक गलत टिप्पणी न जाने कितने लोगों का भविष्य बिगाड़ देती है। सरकारी आदेश पास होते हैं किंतु उनमें इतने अगर-मगर, किंतु-परंतु होते है कि अधिकारी उनमें आम आदमी को उलझा देते हैं। छोटे-छोटे कामों के लिए कई चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसीलिए लोग अपने कामों के लिए जनप्रतिनिधियों के पास आते हैं।

उन्होंने कहा कि अगर मंत्रालय में आंदोलन करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वे भी 21 मार्च को जो विधायक उनके साथ आएंगे उन्हें साथ लेकर मंत्रालय में आंदोलन करेंगे।

निर्दलीय विधायक ने सरकार से मांग की कि मंत्रालय में पदस्थ अफसरों पर हर साल अपनी संपत्ति घोषित करने का नियम बनाया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने राइट टू सर्विस ऐक्ट बनाया है, फिर भी सरकारी काम में देर क्यों होती है? उन्होंने कहा कि अधिकारियों के पास कई मकान हैं। वे सरकारी मकानों में रहते हैं और अपने मकान किराए पर देते हैं। कई अधिकारियों के पास सरकार का लाखों रुपया बकाया है। ऐसे अधिकारियों की लिस्ट भी उन्होंने सदन के पटल पर रखी।

कडू ने कहा, ‘मैं किसी पार्टी के चुनाव चिह्न पर नहीं निर्दलीय चुनकर आता हूं। मेरे क्षेत्र के लोग अधिकारियों को नहीं मुझे जानते हैं। वे अपने काम लेकर मेरे पास आते हैं। जब में हार्ट की बीमारी ग्रस्त महिला को लेकर मैं उस अधिकारी के पास गया तो मुझे कहा गया कि मुख्यमंत्री के पास जाओ। ये राइट टू सर्विस ऐक्ट का उल्लघंन है। इस पर क्या कार्रवाई हुई यह सदन के सामने आना चाहिए।’

चर्चा के अंत में जब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बजटीय मांगों पर जवाब दिया, तो उन्होंने भी बच्चू कडू की शिकायतों को सही बताया और कहा कि कानून सबके लिए समान है और जिन अधिकारियों पर सरकार का बकाया है सरकार उसका पता लगाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ऑनलाइन सिस्टम तैयार कर रही है, ताकि किसी को मंत्रालय आने की जरूरत ही ना पड़े। सरकार पहले से ही अधिकारों का विकेंद्रीकरण करने की दिशा में काम रही है।