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चंदा कोचर के खिलाफ जांच के मामले में अरुण जेटली ने CBI जांच पर उठाए सवाल

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने चंदा कोचर मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को शुक्रवार को निशाने पर लिया. उन्होंने सीबीआई को दुस्साहस से बचने तथा सिर्फ दोषियों पर ध्यान देने की नसीहत दी. जेटली ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है जब एक ही दिन पहले सीबीआई ने चंदा कोचर के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में बैंकिंग क्षेत्र के के.वी.कामत तथा अन्य को पूछताछ के लिये नामजद किया है.

अमेरिका में इलाज करा रहे जेटली ने ट्वीट किया कि भारत में दोषियों को सजा मिलने की बेहद खराब दर का एक कारण जांच तथा पेशेवर रवैये पर दुस्साहस एवं प्रशंसा पाने की आदत का हावी हो जाना है. जेटली ने कहा, ‘‘पेशेवर जांच और जांच के दुस्साहस में आधारभूत अंतर है.

 

Arun Jaitley

@arunjaitley

Sitting thousands of kilometers away, when I read the list of potential targets in the ICICI case, the thought that crossed my mind was again the same – Instead of focusing primarily on the target, it is a journey to no where (everywhere).

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हजारों किलोमीटर दूर बैठा मैं जब आईसीआईसीआई मामले में संभावित लक्ष्यों की सूची पढ़ता हूं तो एक ही बात दिमाग में आती है कि लक्ष्य पर ध्यान देने के बजाय अंतहीन यात्रा का रास्ता क्यों चुना जा रहा है? यदि हम बैंकिंग उद्योग से हर किसी को बिना सबूत के जांच में शामिल करने लगेंगे तो हम इससे क्या हासिल करने वाले हैं या वास्तव में नुकसान उठा रहे हैं.’’

आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर पर वीडियोकॉन को 3250 करोड़ का लोन देने के मामले में अनियमितता बरतने का आरोप है. उनके पति के खिलाफ भी इस मामले में जांच शुरू हो गई है. एजेंसी ने चंदा कोचर के कार्यकाल के दौरान बैंक द्वारा वीडियोकॉन समूह को 1,875 करोड़ रूपए के ऋणों को मंजूरी देने में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के सिलसिले में यह मामला दर्ज किया है.