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गोवा में बीजेपी सरकार को कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, संसद में भी उठाएगी मुद्दा

नई दिल्‍ली। रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद मनोहर पर्रिकर मंगलवार को गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने की तैयारी में हैं। कम सीटों के बावजूद सरकार बनाने के दावे को लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी के इस कदम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। देश की सबसे बड़ी अदालत याचिका की तुरंत सुनवाई करने पर सहमत है। मंगलवार सुबह कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई होगी। दूसरी तरफ पार्टी इस मुद्दे को संसद में भी उठाएगी।

रविवार को मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में बीजेपी ने गोवा में अगली सरकार बनाने का दावा पेश किया। गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने पर्रिकर को गोवा के नए मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया। साथ ही उन्हें गोवा विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा है। यहां चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है। कांग्रेस 17 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है। बीजेपी को 13 सीटें मिलीं। बीजेपी ने अन्य दलों के साथ मिलकर 21 का जादुई आंकड़ा हासिल करने का दावा किया है। महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और निर्दलीय विधायकों (3) का बीजेपी को साथ मिला है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर गोवा में सत्ता के लिए छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों को लुभाने को लेकर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘पैसे की ताकत ने लोगों की ताकत पर विजय हासिल की है। मैं गोवा के लोगों से माफी मांगता हूं क्योंकि हम सरकार बनाने के लिए समर्थन नहीं दे सकते।’ दिग्विजय सिंह ने कहा कि गोवा में पैसे की राजनीति और संप्रदायिक ताकतों के खिलाफ कांग्रेस का संघर्ष जारी रहेगा।

उधर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि दूसरे नंबर पर आने वाली पार्टी को सरकार बनाने का कोई अधिकार नहीं है। साथ ही उन्होंने मणिपुर और गोवा में जोड़तोड़ कर सरकार बनाने का आरोप लगाया। चिदंबरम ने ट्विटर के माध्यम से कहा, ‘दूसरे नंबर पर आने वाली पार्टी को सरकार बनाने का कोई अधिकार नहीं है। बीजेपी ने गोवा और मणिपुर में सरकार बनाने के लिए जोरतोड़ की है।’

कांग्रेस विधायकों ने पार्टी नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया
गोवा में कांग्रेस विधायकों का एक समूह नाराज हैं और राज्य विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद सरकार बनाने में नाकाम रहने के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया है। वालपोई विधानसभा से कांग्रेस विधायक विश्वजीत राणे ने कहा, ‘गोवा विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद मैं स्थिति से निपटने के लिए अपनी पार्टी नेताओं के तरीके से बहुत दुखी हूं। चुनाव परिणाम में सरकार बनाने के लिए हम सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरे हैं। पार्टी नेताओं के कामकाज पर निराश हूं, जो सही समय पर सही निर्णय नहीं ले सके।’उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं ने कांग्रेस विधायक दल का नेता का चयन करने में ‘देरी’ की और इसे जमीनी स्तर पर ‘कुप्रबंधन’ करार दिया।