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गृहमंत्री जी अमरनाथ हमले में दो लोकल आतंकवादी भी हैं और आप देश को कश्मीरियत का उपदेश दे रहे हैं

राजनाथ के कश्मीरियत के उपदेश से देश की जनता नाराज लेकिन तथाकथित सेकुलर और लिबरल हुए बहुत खुश

राजनाथ जी यह वही कश्मीर है जन्हा से हमारे सात लाख ब्राह्मण भाईयों को बेघर कर उन्हें इधर-उधर भटने को मजबूर करदिया, ये कश्मीर की कश्मीरियत ही तो है 

क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि मोदी सरकार का एक सीनियर मंत्री ट्विटर पर किसी महिला के साथ ऐसी हरकत करे जिससे उस महिला का जीना हराम हो जाए। वो भी ऐसी महिला जो देशभक्त है और सरकार से उम्मीद करती है कि वो आतंकवाद के खिलाफ ज्यादा सख्ती करे। अमरनाथ के तीर्थयात्रियों पर हमले के बाद से पूरे देश में गुस्से और दुख का माहौल है। हमेशा की तरह इस बार भी गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करके ‘कड़ी निंदा’ कर दी। लेकिन उनके एक ट्वीट पर शुचि सिंह कालरा नाम की एक महिला ने जवाब में कुछ ऐसा लिख दिया कि देश के गृह मंत्री को बात चुभ गई और उन्होंने जो जवाब दिया उसकी कल्पना नहीं की जा सकती।

राजनाथ सिंह को आम तौर पर लोगों के ट्वीट पर जवाब देते कम ही देखा गया है। लेकिन शुचि सिंह कालरा का ट्वीट उन्हें इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने जवाब में जो बात लिखी वो किसी को भी हजम नहीं हो रही। राजनाथ सिंह ने कड़ी निंदा वाले अपने ट्विटर संदेश में लिखा था कि “कश्मीर के लोगों ने भी अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। इससे पता चलता है कि कश्मीरियत की भावना अभी भी जिंदा है।” ऐसे वक्त में जब कश्मीर में हिंदू तीर्थयात्रियों को जान गंवानी पड़ रही है देश के गृहमंत्री का कश्मीरियत पर उपदेश चिढ़ाने वाला था। इस पर शुचि सिंह कालरा ने जवाब दिया कि “इस समय कश्मीरियत की भावना को कौन देखता है (Fuck) आपका काम लोगों की नाराजगी को कम करना भर नहीं है। उन कायरों को खींचकर बाहर निकालिए और मारना शुरू कीजिए।” जाहिर है ये ट्वीट गुस्से में लिखा गया है और इसकी भाषा संयमित नहीं है। लेकिन अमरनाथ यात्रा के बाद हर आम देशभक्त के मन का गुस्सा कुछ इन्हीं शब्दों में फूट रहा था। लेकिन इस ट्वीट को एक अलग ही मतलब देते हुए गृह मंत्री राजनाथ ने जवाब दिया कि “मिस कालरा मैं जरूर करूंगा। ये मेरा काम है कि मैं देश के सभी हिस्सों में शांति और सद्भाव बरकरार रखूं। लेकिन सारे कश्मीरी आतंकवादी नहीं हैं।” ध्यान देने वाली बात ये है कि खुद शुचि कालरा ने ऐसी कोई बात नहीं लिखी थी कि सभी कश्मीरी आतंकवादी है। उनके कहने का मतलब था कि आतंकवादियों को मारो। लेकिन देश के गृहमंत्री ने दिखा दिया कि उन्हें जितनी समझ कानून-व्यवस्था की है उससे भी कम समझ भाषा की है।

इसके बाद ट्विटर पर तथाकथित सेकुलर और लिबरल भीड़ शुचि सिंह कालरा पर टूट पड़ी। उन्हें लेकर तरह-तरह की फब्तियां कसी गईं। एक आम नागरिक के तौर पर उनके विचारों को ‘ट्रोल’ नाम दे दिया गया। शुचि ‘मेक माइ ट्रिप’ वेबसाइट के लिए एडिटर का काम करती हैं। वामपंथी, कांग्रेसी और आम आदमी पार्टी के समर्थकों ने उनके ट्वीट को टैग करके कंपनी से अपील करना शुरू कर दिया कि वो उन्हें नौकरी से निकाल दें। इसके बाद शुचि सिंह कालरा ने डरकर अपना ट्विटर अकाउंट ही बंद कर दिया। इसके बाद भी उनके लिए गालियों का सिलसिला जारी रहा। कई तथाकथित बड़े संपादकों और नेताओं ने एक आम नागरिक के लिए भद्दी और अपमानजनक टिप्पणियां करना जारी रखा। यह भी खबर आई कि मेक माइ ट्रिप कंपनी ने शुचि को नौकरी से निकाल दिया। इसके बाद लाखों की संख्या में लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए कंपनी के मैनेजमेंट को लिखा कि अगर शुचि सिंह कालरा को नौकरी से निकाला गया तो वो मेक माइ ट्रिप के जरिए कराई अपनी बुकिंग कैंसिल कर देंगे और उसके ऐप को अनइंस्टॉल करके खराब रेटिंग कर देंगे। जिसके बाद कंपनी को दबाव में आकर कदम पीछे खींचने पड़े। नीचे शुचि कालरा और राजनाथ के बीच की बातचीत को देखें।

 

देश के गृहमंत्री के तौर पर राजनाथ सिंह बुरी तरह नाकाम साबित हुए हैं। कश्मीर में उनकी नाकामी खुलकर सामने आ चुकी है। इसके अलावा केरल, बंगाल, कर्नाटक समेत देश के कई राज्यों में आए दिन हिंदुओं की हत्याएं हो रही हैं। लेकिन वो हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। अब जब सवाल पूछे जा रहे हैं तो राजनाथ सिंह को गुस्सा आने लगा है। यह बात सही है कि मोदी सरकार आने के बाद से देश में कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ है। लेकिन उसका क्रेडिट अजित डोभाल को जाता है जिन्होंने देश में खुफिया तंत्र को इतना मजबूत कर दिया है कि देश भर में सैकड़ों स्लीपर सेल पकड़े गए। नक्सली हिंसा का मामला भी जब राजनाथ सिंह से नहीं संभला तो अजित डोभाल को अपने हाथ में लेना पड़ा। ऐसे में हिंदुओं की बर्बर हत्या पर देश का गृहमंत्री ‘कश्मीरियत’ नाम की किसी चिड़िया की तारीफों के पुल बांधता है तो ये किसी भद्दे मजाक से कम नहीं।

‘भीड़’ के आगे नोंचने को छोड़ा

राजनाथ सिंह के जवाब के बाद उन्हीं की टाइमलाइन पर शुचि कालरा को ‘खून की प्यासी’ और ‘नरसंहार चाहने वाली’ कहा जाने लगा। लेकिन जब ये सब हो रहा था तब देश का गृहमंत्री उन्हें बचाने नहीं आया। राजनाथ सिंह की इस हरकत के बाद सवाल ये है कि कोई आम नागरिक अपना गुस्सा कैसे और किसके आगे निकालेगा? अगर गृहमंत्री को ट्वीट करने के कारण उसकी रोजी-रोटी पर संकट आ जाएगा तो लोग चुप रहना ही बेहतर समझेंगे। उधर गृहमंत्री देशद्रोही ताकतों के आगे हमेशा की तरह मिमियाते रहेगे। फिलहाल अपने एक ट्वीट से निंदानाथ सिंह के नाम से मशहूर राजनाथ सिंह ने उन लोगों का समर्थन हासिल कर लिया है, जिनके लिए हिंदुओं की जिंदगी की कोई कीमत नहीं। जो ट्रेन में सीट के लिए लड़ने पर जुनैद की मौत को हिंदू आतंकवाद का नाम देते हैं, लेकिन कश्मीर में हिंदुओं के नरसंहार को कानून-व्यवस्था और सुरक्षा में ढील साबित करने की कोशिश करते हैं। फिलहाल शुचि सिंह कालरा के समर्थन में कई जाने-माने और आम लोगों ने ट्वीट किए हैं।

और देखिए कैसे बीजेपी और नरेंद्र मोदी को दिन-रात गाली देने वाली कथित पत्रकार राना अयूब राजनाथ सिंह की दीवानी हो गईं।