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गुजरात के लिए घातक हो सकता है कांग्रेस और पाकिस्तान कनेक्शन : सजग हो जाओ गुजरात

लखनऊ। गुजरात का पाकिस्तान  सीमा से सटा हुआ होने के कारण जितना खतरा देश को है  उससे अधिक गुजरात के गुजरातियों और वहां के कारोबारियों के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। रविवार को बनासकांठा के पालनपुर की एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान गुजरात चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर हस्तक्षेप कर रहा है और पाकिस्तान के एक पूर्व अधिकारी चाहते हैं कि कांग्रेस नेता अहमद पटेल गुजरात के अगले मुख्यमंत्री बनें।

प्रधानमंत्री ने बताया गया कि  हाल ही में कांग्रेस से निष्कासित मणिशंकर अय्यर के घर कुछ ही दिन पहले एक बैठक हुई थी, जिसमें पाकिस्तान के उच्चायुक्त, पूर्व विदेश मंत्री, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी मौजूद थे। कुछ न्यूज़ चैनलों पर इस बैठक के चित्र भी प्रसारित किए गए। प्रधान मंत्री द्वारा कथित तथ्य  यदि सही है तो यह  गुजरात के लिए अधिक चिंताजनक है। कांग्रेस लीडरों का इससे पूर्व पाकिस्तान और काश्मीर जाकर अलगाववादियों से मिलना भी देश के लिए घातक था।

विगत 22 वर्षों से भाजपा सरकार के रहते गुजरातियों पर किसी प्रकार की आंच पाकिस्तान से नही आने पायी। यदा कदा जो घटनाये घटित हुई उसे गुजरात की भाजपा सरकार ने  नियंत्रित कर लिया था। भाजपा नेताओं पर ही नही हिन्दू धर्मालंबियों पर भी केंद्र सरकार ने सत्ता का दुरुपयोग कर झूठे केस चलवा दिए जिसका प्रमाण पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने अपनी किताब में खुलकर  किया है । प्रणव मुखर्जी के अनुसार सोनिया गांधी हिन्दू विरोधी थी और उन्होंने जबरन हिन्दुओ के धार्मिक गुरुओं को जेल भिजवाया था।

पाकिस्तानी आतंकवादियों के मरने पर आंसू बहाने या फांसी की सज़ा रुकवाने के लिए रात्रि में सुप्रीम कोर्ट खुलवाना क्या इस बात के प्रमाण नही है कि,यह सब पाकिस्तान के संबंधों का ही नतीजा था। जेएनयू में देश विरोधी व पाकिस्तान समर्थक नारो का कांग्रेसी नेताओं द्वारा खुला समर्थन भी कांग्रेस की मानसिकता को उजागर करता है।

कुछ दिन पूर्व गुजरात चुनाव से ठीक पहले एनआईए द्वारा एक आतंकवादी की गिरफ्तारी की गई जो बतौर तकनीकी कार्यकर्ता के रूप में अहमद पटेल के हॉस्पिटल में  सुरक्षित रूप से रखा गया था।  वही रहकर वह पाकिस्तान के गंदे मसुबो को अंजाम देना चाहता था।

काग्रेस नेता खुर्शीद अहमद और मणि शंकर अय्यर का पाकिस्तान जाकर वहा के लोगो से प्रधान मंत्री मोदी को हटाने के लिए उनकी मदद माँगना क्या ज़ाहिर करता है?  उंसके बाद पाकिस्तानी टीवी चैनल पर बैठकर यह बयान देना कि मोदी के रहते हुए पाकिस्तान से संबंध मधुर नही हो सकते, और आप लोग हेल्प करे, क्या दर्शाता है ? क्या एक देश प्रेमी ऐसा बोल सकता है? कदापि नही, यह प्रमाणित करता है कि इसके पीछे देश को बेचने या लुटाने की साज़िश रची जा रही है।

अब मणि शंकर अय्यर के घर पर हुई बैठक के बारे में अगर यह कहा जाए तो गलत न होगा कि यह बैठक देश विरोधी नेताओ जो कही न कही भाजपा और मोदी सरकार के विरोधी है, द्वारा रचित थी, जिसमे पूर्व उपराष्ट्रपति, पूर्व प्रधान मंत्री  स्तर तक के लोग शामिल थे। यह बैठक निश्चजित रूप से देश के विरुद्ध किसी बहुत बड़ी साजिश को अंजाम देने के लिए बुलाई गई हो सकती है,अन्यथा गुपचुप तरीके से क्यो होती। गुजरात चुनाव में पाकिस्तान के हस्तक्षेप से भी इंकार नही किया जा सकता।

यद्यपि कांग्रेस पार्टी नेबपहले इस तरह की किसी बैठक के होने से इनकार किया था पर मीडिया में वास्तविकता आने के बाद कांग्रेस के सफेद झूठ का परदाफ़ाश हो गया। वही कांग्रेस दूसरी ओर मोदी से बैठक के प्रमाण मांग रही थी जबकि सारे मीडिया वाले बैठक की पुष्टि में न्यूज़ में वीडियो तक दिखा रहे है ।

अब कांग्रेस पार्टी कुछ और ही तर्क दे रही है। पाकिस्तान से आये मेहमानों को डिनर में बुलाना आदि। झूठ पकड़ने के बाद कांग्रेसी प्रवक्ताओं की हताशा टीवी चैनलों पर इनके बयानों से देखी जा सकती है, कोई भी प्रवक्तास कैमरे की ओर नज़र उठाकर बात करता नही दिखाई दे रहा है और न ही पूछे जाने वाले प्रश्नों का यत्तार दे रहा है।।ऐसा लगता है कि टीवी चैनलों पर जिस प्रकार कांग्रेसी प्रवक्ता किसी आरोप या प्रश्न का जवाब न देकर समय व्यर्थ करते है, उसी भाँति इस मामले को भी गुजरात चुनाव सम्पन्न होने तक टालना चाहते है। जनेऊ का प्रमाण प्रस्तुत कर काग्रेस जिस तरह जनेऊधारी हिन्दू के प्रश्न पर फंस चुकी है उसी प्रकार मोदी से प्रमाण माँगना चाहती है।

फिल्मों  में तो ऐसा देखने को मिलता था कि सत्ता से पदच्युत नेता खलनायक के साथ मिलकर सत्ता के विरुद्ध षड्यंत्र रचते है  पर असल जिंदगी में गुजरात की जनता के साथ इस प्रकार का षड्यंत्र किया जा रहा है, घोर चिंता का विषय है। पाकिस्तान के उच्चाधिकारियों और पूर्व विदेश सचिव के साथ हुई बैठक में अहमद पटेल जैसे व्यक्ति, जिसके यहां आतंकवादी को शरण देने कि पुष्टि हो चुकी है, को गुजरात का मुख्य मंत्री बनाने की पेशकश की गई, गुजरात और देश के हित मे कितना उचित होगा…आने वाला समय ही बता सकता है।

इधर भाजपा अध्यक्षअमित शाह ने कांग्रेस नेताओं के गुपचुप तरीके से पाकिस्तान के उच्चायुक्त से मिलने पर भी कड़ी आपत्ति दर्ज की है। शाह ने गांधीनगर भाजपा कार्यालय श्रीकमलम में पत्रकारों को बताया कि नई दिल्ली में पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह, पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्वमंत्री मणिशंकर अय्यर गुपचुप तरीके से पाकिस्तानी उच्चायुक्त से मुलाकात की है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं के पाकिस्तान के उच्चायुक्त से मुलाकात पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत सरकार व विदेश मंत्रालय की जानकारी के बिना दिल्ली में करीब तीन घंटे तक उनकी मुलाकात क्यों हुई।अमित शाह ने  जनता से अपील की है कि कमल वाला बटन दबाकर मोदी के अपमान का बदला ले।

अब  केवल और केवल गुजरातवासियों के सोचना है कि गुजरात विधान सभा चुनाव के दूसरे चरण के चुनाव में  किसे वोट देना है। उन्हें गंभीरता से  यह निर्णय लेना होगा कि उनका और उनकी आने वाली पीढ़ी  का भविष्य किसके हाथ में सुरक्षित रहेगा, पाकिस्तान के या हिंदुस्तान के !