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गायों के लिए एम्बुलेंस सेवा लेकिन बच्चों के लिए 70 लाख खर्च नही कर पायी योगी सरकार

लखनऊ । गोरखपुर में राज्य सरकार द्वारा चालाये जा रहे बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में दो दिनों में 30 बच्चों की मौत हो चुकी है लेकिन यूपी कि योगी आदित्यनाथ सरकार इस आंकड़े को महज 7 बता रही है. राज्य के सूचना विभाग ने देर शाम जारी बयान में कहा कि कुछ टीवी चैनलों द्वारा बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 30 बच्चों की मौत की खबरें दिखाई जा रही हैं जो भ्रामक हैं.

जबकि खुद गोरखपुर के डीएम राजीव रौतेला ने स्थानीय टीवी चैनलों को बताया कि पिछले दो दिनों में 30 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है और पिछले 24 घंटों में सात मौतें हुई हैं। उन्होंने कहा कि नवजात प्रारम्भिक वार्ड में 17 बच्चों की मौत हुई है. 5 बच्चों की तीव्र इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम से पीड़ित मरीजों के लिए बनाए गए बार्ड में और 8 की सामान्य वार्ड में मौत हुई है

रौतेला ने इस बात को स्वीकार किया कि बच्चों कि मौत लिक्विड ऑक्सीजन कि कमी से हुई है . उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सप्लायर कंपनी को 70 लाख रुपये का भुगतान नही किया गया. भुगतान नहीं होने के कारण विक्रेता की ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद कर दी है. हालांकि, उन्होंने कहा आपातकालीन उपयोग के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. उन्होंने आगे बताया कि विक्रेता को 35 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया है और उससे गुजारिश की गई है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद न करे.

अस्पताल के कर्मचारियों ने आक्सीजन की कमी को लेकर 10 अगस्त को ही सेंट्रल पाइप लाइन की विभागाध्यक्ष को चिट्टी लिख दी थी. बावजूद इसके अस्पताल में आक्सीजन की कमी को पूरा नहीं किया जा सका.

दावा है कि मेडिकल कॉलेज में दो दिन के भीतर 36 बच्चों की मौत की वजह अचानक 10 अगस्त की शाम ऑक्सीजन सप्लाई का रुक जाना है, क्योंकि ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी का पैसा बकाया था.

इस बीच गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सिजन की आपूर्ति करने वाली पुष्पा सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक मनीष भंडारी के सभी रिश्तेदारों और संबंधियों के यहां पुलिस का छापा पड़ने की भी खबर है.

इस बीच, राज्य स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने टीवी चैनलों से कहा कि “बहुत से लोग उच्च बुखार से पीड़ित हैं और अगर उनका इलाज नहीं होता है, तो इसका परिणाम मृत्यु हो सकता है”। विपक्षी सरकार पर ये सवाल उठा रहे हैं कि सरकार गाय के लिए एम्बुलेंस कि व्यवस्था कर रही है लेकिन इंसानों के लिए इलाज के लिए कोई व्यवस्था नही है.