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गांधीनगर रेप केस में आसाराम को नहीं मिली SC से राहत, गुजरात सरकार ने मांगा और वक्त

नई दिल्ली। अहमदाबाद में दो बहनों से दुष्कर्म के मामले में आरोपी और जोधपुर जेल में बंद आसाराम को सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को भी राहत नहीं मिल पाई. जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को जमानत देने से फिलहाल इनकार कर दिया है. अब सुप्रीम कोर्ट सभी गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद ही जमानत पर विचार करेगा. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को इस मामले में बचे गवाहों के बयान दर्ज कराने को भी कहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक गुजरात सरकार को मई से पहले तक गवाहों के बयान दर्ज कराने होंगे.

गवाहों के बयान दर्ज कराने के लिए मांगा वक्त
बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार ने गवाहों के बयान दर्ज कराने के लिए और वक्त मांगा था. गुजरात सरकार की इस मांग को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई मई के पहले हफ्ते में होगी. जिस वजह से गांधीनगर रेप मामले में आसाराम की जमानत की मांग वाली याचिका पर सुनवाई में फिलहाल उन्हें किसी प्रकार की राहत नहीं मिल पाई है.

तुषार मेहता ने रखा गुजरात सरकार का पक्ष
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में आसाराम ने अहमदाबाद केस में अपने लिए जमानत की मांग की थी. दरअसल, राजस्थान यौन शोषण में आसाराम की जमानत पहले ही खारिज हो चुकी है. इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एनवी रमन्ना और जस्टिस एसए नजीर की खंडपीठ में हुई. इस दौरान गुजरात सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील तुषार मेहता ने पैरवी की.

आसाराम के वकील ने की जल्द से जल्द सुनवाई की अपील
जानकारी के मुताबिक गुजरात सरकार ने दो गवाहों की गवाही में और समय की मांग की थी और कहा था कि इसमें अभी 2 से 3 महीने लग सकते हैं. जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले में महीनों का समय नहीं दिया जा सकता. मामले में आसाराम की तरफ से पेश हुए वकील द्वारा कहा गया कि उनकी उम्र ज्यादा हो चुकी है, स्वाथ्य संबंधी परेशानी भी है, ऐसे में जमानत याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई की जाए.