नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बार अपना बजट भाषण हिंदी औरअंग्रेजी में रखा. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नक्शेकदम पर चलते नजर आए और ऐसा करने वाले खास वित्त मंत्री भी बन गए. वित्त मंत्री जेटली के पास अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों और आठ राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले आ रहे इस बजट को लोकलुभावन बनाने की चुनौती भी है.
वित्त मंत्री से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर बड़े आयोजनों और समारोह में हिंदी में भाषण देने को प्राथमिकता देते रहे हैं. वह अक्सर विदेशी मंचों पर भी ऐसा करते नजर आते हैं. जेटली ने भी अपना बजट भाषण हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पेश किया.
बनेंगे आजाद भारत के पहले वित्त मंत्री
जेटली ने इस बार अपने भाषण में हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पेश किया. आजाद भारत के इतिहास में अब तक सभी वित्त मंत्रियों ने अंग्रेजी में बजट पेश किए हैं. जेटली ने पूरा भाषण तो हिंदी में पेश नहीं किया, पर इसके कुछ हिस्सों को हिंदी में पेश किया.
हिंदी भाषी राज्यों में चुनाव है खास वजह
इस बार के बजट को आगामी लोकसभा चुनावों के साथ ही आठ राज्यों में होने वाले चुनावों के लिए भी अहम माना जा रहा है. मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा, कर्नाटक और मिजोरम के अलावा हिंदी भाषी प्रदेशों राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी आने वाले समय में विधानसभा चुनाव होने हैं. आखिरी तीन राज्य बीजेपी के लिए काफी अहम हैं. इन राज्यों के मतदाताओं तक आसानी से अपनी बात पहुंचाने के लिए अरुण जेटली हिंदी में अपनी बात रखना पसंद किया.
वित्त मंत्री जेटली अपने पिछले चार बजट भाषणों के बीच-बीच में कई बार हिंदी में बोलते नजर आए हैं. अपने पिछले लगातार चार बजट में वह हिंदी में कई शायरी भी पढ़ चुके हैं. इन शायरियों पर उन्हें संसद में तालियां और संसद के बाहर खूब चर्चाएं मिली हैं. इस बार भी उन्होंने ऐसा ही किया. उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों को भी हिंदी में गिनाया.