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कोविंद की उम्मीदवारी पर बोले उद्धव- वोटबैंक पॉलिटिक्स है मकसद तो हम नहीं देंगे साथ

मुंबई। राष्ट्रपति चुनाव के लिए रामनाथ कोविंद के रूप में एनडीए की तरफ से उम्मीदवार के नाम के ऐलान के बाद एनडीए की ही सहयोगी शिवसेना ने बीजेपी को तेवर दिखाए हैं। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पूछा है कि क्या कोविंद के चयन के पीछे वोट बैंक पॉलिटिक्स है? उन्होंने कहा कि अगर कोई इस किसी दलित को इस मकसद से राष्ट्रपति बनाने की कोशिश में है कि अपना वोटबैंक बढ़ा सके, तो हम इसका समर्थन नहीं करेंगे। ठाकरे ने आगे कहा कि अगर यह देश के विकास के लिए किया गया है तो हम समर्थन कर सकते हैं।

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If someone is trying to make a Dalit a President with the purpose of gaining a vote bank then we are not with them: Uddhav Thackeray

If someone is trying to make a Dalit a President with the purpose of gaining a vote bank then we are not with them: Uddhav Thackeray pic.twitter.com/rFk8M7o0gy

But if it is for the development of the nation then we may support: Uddhav Thackeray

इससे पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद के लिए बिहार के गवर्नर रामनाथ कोविंद के नाम का ऐलान किया। कोविंद के नाम के ऐलान के बाद जहां टीआरएस, बीजेडी और वाईएसआर जैसे गैर-एनडीए दलों ने समर्थन का ऐलान किया है वहीं एनडीए के ही घटक दल शिवसेना ने समर्थन को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि कोविंद को समर्थन देने को लेकर अगले कुछ दिनों में फैसला ले लिया जाएगा, इसके लिए शिवसेना जल्द ही बैठक बुलाएगी। साथ में उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शिवसेना एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने के लिए वचनबद्ध नहीं है।
बता दें कि शिवसेना पहले 2 मौकों पर राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवारों के खिलाफ वोट दिया है। शिवसेना ने 2007 के राष्ट्रपति चुनाव में यूपीए उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल और 2012 में प्रणव मुखर्जी का समर्थन किया था। उसने ऐसा तब किया था जब बीजेपी और उसके रिश्ते काफी मधुर थे लेकिन इस समय दोनों दलों के रिश्ते में तल्खी है। शिवसेना ने हाल के दिनों में कई बार महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार से समर्थन वापसी की धमकी दे चुकी है।