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कोझिकोड में बोले प्रधानमंत्री, मुसलमानों को न समझें वोट की मंडी

modi-kozilhodeकोझिकोड। केरल के कोझिकोड में आयोजित भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय परिषद में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुसलमानों को वोट की मंडी नहीं समझा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार समाज के निचले पायदान पर बैठे व्यक्ति तक विकास पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

BJP के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशती के मौके पर उनके विचारों को जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘आज से पचास साल पहले लोग जनसंघ को समझने में गलती करते थे, कुछ लोग आज भी BJP को समझने में गलती करते हैं। हमारे यहां सेक्युलरिज्म की परिभाषा को विकृत बना दिया गया है, देशभक्ति को भी सवालों के घेरे में खड़ा किया जाता है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था कि मुसलमानों को न पुरस्कृत करें, न तिरस्कृत करें बल्कि उनका परिष्कार करें। मुसलमानों को वोट की मंडी ना समझें, घृणा की वस्तु ना समझें, उन्हें अपना समझें।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पंडित दीनदयान उपाध्याय के विचारों पर चलते हुए केंद्र सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। दलित, शोषित, वंचित, किसान, ये हमारे के लिए राजनीतिक नारे नहीं हैं , यह हमारा कमिटमेंट है। सबका साथ सबका विकास की जब हम बात करते हैं तब समाज के आखिरी छोर पर बैठा व्यक्ति हमारी आराधना का केंद्र होना चाहिए। यही दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय की परिभाषा है।’

उन्होंने कहा कि समाज में सबको अपनाने का भाव होना चाहिए जिसते तहत समाज के कमजोर तबके को ऊपर बैठे लोग, आगे बढ़ने में मदद करें। साथ ही भारत का कोई हिस्सा अगर विकास से अछूता रह जाता है तो भारत का संपूर्ण विकास नहीं हो पाएगा। सरकार की कोशिश है कि पश्चिमी छोर की तरह देश के पूर्वी छोर का भी भरपूर विकास हो।

कार्यकर्ताओं को अपने संबोधन में मोदी ने चुनाव सुधारों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि चुनाव सुधारों पर पूरे देश में चर्चा होनी चाहिए। अगर कोई शख्स वोट देने से वंचित रह जाता है तो यह बहुत पीड़ादायक है। लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत बनाने के लिए हमें इसमें कई नई चीजें जोड़नी होंगी।

पर्यावरण को लेकर पूरी दुनिया में हो रहे चिंतन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने ऐलान किया कि इस साल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंति पर पेरिस में आयोजित कोप21 में हुए फैसलों को अंगीकार किया जाएगा। साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि पंडित दीनदयान उपाध्याय की जयंति को सरकारी स्तर पर भी मनाया जाएगा।