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कैंसर से जूझने के बाद हनीफ मोहम्मद का निधन

hanifकराची। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज हनीफ मुहम्मद का लंबे समय तक फेफड़ों के कैंसर से जूझने के बाद गुरुवार को निधन हो गया।

हनीफ का आगा खान अस्पताल में इलाज चल रहा था। अस्पताल के प्रवक्ता ने 81 साल की उम्र में इस दिग्गज बल्लेबाज के निधन की पुष्टि की है। प्रवक्ता ने कहा कि सांस से जुड़ी समस्याओं के कारण उन्हें आईसीयू और वेंटीलेटर पर रखा गया था और आज उनका निधन हो गया।

इससे पहले भी हनीफ की दिल की धड़कन आज लगभग छह मिनट के लिए रुक गई थी और डाक्टरों ने उन्हें क्लीनिकल तौर पर मृत घोषित कर दिया था लेकिन बाद में बाद डाक्टरों को उनकी धड़कन वापस लाने में सफलता मिल गई।

इससे पहले हनीफ के बेटे शोएब मुहम्मद ने अस्पताल से कई टेलीविजन चैनलों को बताया कि उनके पिता का निधन हो गया है लेकिन कुछ ही मिनटों बाद उन्होंने फिर से घोषणा की कि उनका निधन नहीं हुआ और वह जीवित हैं।

शोएब ने कहा कि उनके दिल की धड़कन छह मिनट के लिए रुक गई थी लेकिन डाक्टर उनकी दिल की धड़कन वापस लाने में सफल रहे। लेकिन कुछ घंटों बाद शोएब ने फिर पुष्टि की कि उनके पिता का निधन हो गया है।

शोएब ने कहा कि उन्होंने अपनी बीमारियों से कड़ी जंग लड़ी और चार साल पहले फेफड़ों का पता चलने के बाद पिछले कुछ वर्षों से वह काफी बीमार थे। पूर्व टेस्ट बल्लेबाज शोएब ने कहा कि हमारा परिवार शोक में डूबा है लेकिन हम सिर्फ उनके प्रशंसकों से कह सकते हैं कि उनके लिए दुआ करें कि अल्लाह उन्हें जन्नत में जगह दे। वह पिछले कुछ हफ्तों से काफी दर्द में थे लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। यह 81 साल का पूर्व क्रिकेटर 30 जुलाई से वेंटिलेटर पर था और उनकी हालत नाजुक थी।

हनीफ उस पाकिस्तानी टीम के सदस्य थे जिसने पहली बार 1954-55 में भारत का दौरा किया था। उन्होंने 55 टेस्ट मैच खेले थे और वेस्टइंडीज के खिलाफ 1957-58 में 337 रन की यादगार पारी खेली थी। यह टेस्ट इतिहास की सबसे लंबी पारी है और 40 साल से अधिक समय तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट की सबसे लंबी पारी भी रही।

हनीफ ने अपने टेस्ट करियर में 12 शतक की मदद से 43.98 की औसत से 3915 रन बनाए। उन्होंने अपने प्रथम श्रेणी करियर में 238 मैचों में 52.32 की औसत से 17059 रन बनाए।