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केवल￰ नेता ही नहीं नौकरशाह भी  जिम्मेदार    

राजेश  श्रीवास्तव 
दो दिन पहले कैग रिपोर्ट   आई रिपोर्ट में कहा  कि अखिलेश सरकार ने बहुत घोटाला किया  फिर  चाहे  शिक्षा  का का  स्र हो  या  स्वास्थ्य का या फिर विकासका सभी  में जमकर  लूट  की गई .  पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव हा था की यह अधिकारी है यह सब जान है लेकिन अखिलेश ने शायद यह किसी रौ महोगा  क्योकि उनोंहने  अगर होश  में कहा होता तो कम से कम अपनी  नशत पर अमल तो करते  .अखिलेश सरकार के अधिकारी अगर सही  से काम कते तो आज कैग की यह रिपोर्ट तो न ी . जब  से रकार की विदाई  हुई  है तबसे  सरकार का काम नहीं कारनामे ब  रहे  हैर  रोज  एक नया घोटाला उजागर  हो रहहै कभी  रिवर  फ्रंट  घोटाल उजागर हो रहा है तो कभी जनेश्वर  पार्क की लूट सामने आ   है i . अब  तो कैग की जो रिपोर्ट आई है वो  ुलासे  कर रही है चाहे शिक्षा हो या फि्वस्थ्य  सभी का बुरा  हल  है.जनता  ko भी यकीं  नहीं हो रहाकी अखिलश सरकार में इतने  घोटाले  हो सकते थे  कयोंकि सार के र  ोई  मामला  नहीं .पर जरह से माम  उजागर हो रहे है उससे  तो लगता  है की इस  कैग कीरिपोर्ट मे  खुलासा  हुआहै उससे अखिलेश सरकार की केवल बदनामी  ी होगी क्योंकि वो तो अा चुकी  है उसे जनता ने पहले ही नकार  दिया है. खिलसरकार  जाने  के पीछे  केवल अधिकारी ही नहीं उनकी युवा  टम  भी बहुत जिम्मेदारहै.खैर  आजत अखिलेश सरकार की विकी वजह बताने  की नहंै   नौकरशाहों  को रही ै. कैग  रिपोर्ट के बाद  अब होशियार  होने की बरी  अब सीएम  गी आदित्यनाथ की ै क्योंकि योगी भी उन्ही  अफसरों  से काम लरहे हैनसे  अखिलेश सरकार अपनी भद पिटवा  चुकी है.यह बात दूसरी है की कुछ  अधिकारी बदले  हुएहै पर यह नहीं भूलना  चाहिए की किसी भी सरकार को बनाने  या बिगड़ने  का काम नौकरशाह ही करते है. यह जरूर  है की कप्तान  होने के चलते  जिम्मेदारी  मुख्यमंत्री की जरूर होती है पर सरकार के लाख  चाहने  के बावजूद  उसके इमेज  को नौकरशाह ही तय  करते है. पूर्व की कई सरकारों  का भी यही  हाल  रहा. नसीहत अखिलेश यादव के लिए भी है क्योंकि वो राजनितिक  जीवन  में है शायद उन्हें फिर कोई राजनितिक पारी  खेलने  का मौका  मिले. इसीलिए  यह सबक  है की वो  जाने की किस  अधिकारी की कार्यशैली  ने उन्हें आज यह दिन दिखने  पैइ मजबूर  किया है.जरुरत  शायद सीएम योगी आदित्यनाथ को भी समझने  की होगी क्योंकि उनके सर  ज्यादा जिम्मेदारी है. उन्हें ज्यादा बड़ा  बहुमत  मिला  है लोगो  कि अपेक्षाएं  और उम्मीदे  उनसे  ज्यादा है. इसिलए  उन्हें ज्यादा सतर्क  रहना  होगा.क्योंकि   अधिकारी कही  नहीं जाता  उसे तो 60 साल  तक  मौका मुहैया  रहता  है भले  ही इधर  या उधर  .पर वो किसी भी पांच  साल के कार्यकाल पर भरी  पड़ताहै. .अब देखना  होगा की अगले  5 साल में नौकरशाह क्या  गुल  खिलते  है.