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केदारनाथ त्रासदी के बाद हवाई सेवा देने वाली कंपनियों की बाढ़, ‘चारधाम यात्रा’ से मुनाफा कमाने का खेल  

देहरादून।  बद्रीनाथ से श्रद्धालुओं को हरिद्वार ला रहा एक निजी कंपनी का विमान शनिवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में चालक दल के एक सदस्य की मौत हो गई जबकि दो घायल हो गए। इस विमान में पांच यात्री भी मौजूद थे जो सुरक्षित हैं। चमोली जिले की पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट का कहना है कि विमान के इंजीनियर विक्रम लांबा हेलीकॉप्टर की पंखुड़ी की चपेट में आ गए जिस कारण उनकी मौत हो गई। पुलिस अधिकारी ने कहा कि हवा का पर्याप्त दबाव नहीं होने की वजह से उड़ान भरने के साथ ही इस हेलीकॉप्टर का नियंत्रण बिगड़ गया और गिर गया।

पहली बार सेवा दे रही थी विमान ऑपरेटर कंपनी 

दुर्घटना का शिकार हुआ अगस्ता-119 एकल इंजन हेलीकॉप्टर मुंबई आधारित एक निजी एविएशन कंपनी ‘क्रिस्टर एविएशन का था। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट की माने तो राज्य के अधिकारी बताते हैं कि क्रिस्टर एविएशन का नाम उत्तराखंड सरकार द्वारा चारधाम यात्रा के लिए अधिकृत एविएशन कंपनियों की सूची भी नही था लेकिन राज्य के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्द्वारा अनुमति मिलने के बाद कंपनी यहाँ अपनी सेवाएं दे रही थी। यानी कंपनी पहली बार यहाँ अपनी सेवाएं दे रही थी। उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने गढ़वाल के कमिश्नर विनोद शर्मा को दुर्घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए जाने की बात कही है।

उत्तराखंड में एविएशन कंपनियों और सरकारों का गठजोड़ 

उत्तराखंड में हवाई सेवा देने के नाम पर देशभर की एविएशन कंपनियां किस तरह उत्साहित हैं इसका अंदाजा इस साल के इस की केदारनाथ यात्रा से लगाया जा सकता है। इस साल राज्य सरकार ने 14 विमानन कंपनियों को इजाजत दी। ख़बरों की माने तो इन आवेदन करने वाली कंपनियों की सूची में और भी विमानन कंपनियां थी हालाँकि उन्हें किन्ही कारणों से अनुमति नहीं मिल पायी।

हवाई कंपनियों का केदारनाथ और चारधाम के लिए उत्साहित होने का एक कारण यह भी है क्योंकि यहाँ उड़ान काफी फायदे का सौदा है। मात्र आठ मिनट के सफर में यात्रियों से सात से आठ हजार रुपये किराया लिया जाता है। मात्र दो से ढ़ाई महीने के सीजन में ही एक हवाई कंपनी पांच करोड़ से अधिक का कारोबार कर लेती है, जोकि इसके लिए मुनाफा वाला है।

इतनी कंपनियों को दी उत्तराखंड सरकार ने इजाजत 

टूर माय इंडिया वेबसाइट के अनुसार इस साल इन हवाई सेवा देने वाली कंपनियों को सरकार ने चारधाम यात्रा के लिए इजाजत दी।

ग्लोबल वेक्ट्रा हेलीकॉर्प

UT एयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड

सर एविएशन

एरो एयरक्राफ्ट सेल्स  एंड  चार्टर

हिमालयन हेली सर्विसेज

आर्यन एविएशन

ट्रान्सभारत एविएशन

पवन हंस

प्रेमाइर

पिनाकल एविएशन

समिट एविएशन

बजाज एविएशन

इंडोकॉप्टर्स

हेरिटेज एविएशन

एविएशन कंपनियों की लूट 

उत्तराखंड में सरकार से अनुमति मिलने के बाद हवाई सेवा देने वाली एविएशन कंपनियों की लूट की शिकायतें बार-बार आती रही हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार एजेंटों की मदद से यात्रियों से 6500 और 7000 के टिकट के लिए 10 हजार से ज्यादा वसूले जाते हैं।

बीजेपी अध्यक्ष ने उठाये थे सवाल 

उत्तराखंड में एविएशन कंपनियों की लूट को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को कुछ दिन पहले एक पत्र भी लिखा था। जिसमे भट्ट ने कहा था कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा हवाई सेवा देने वाली कंपनियों से लेनदेन की आशंका है। उन्होंने निविदा प्रक्रिया में बदलाव कर एक कंपनी विशेष को हवाई सेवा मुहैया कराने की बात भी कही थी।

उन्होंने मुख्यमंत्री को एक पत्र सौंपकर यह ठेका निरस्त करने और मामले की जांच कराने की मांग की। भट्ट ने कहा डीजीसीए के अनुसार यह सेवा नियमित परमिट वाली कंपनी ही संचालित कर सकती है, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे दरकिनार किया। जिस कंपनी को ठेका दिया गया न तो उसके पास इस क्षेत्र में उड़ान का अनुभव है और न ही जहाज। सरकार ने सुरक्षा और अनुभव के मानकों को बदल इस कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए यह काम दे दिया गया।

2013 के जून माह में आई केदारनाथ त्रासदी के बाद केदारनाथ के लिए हवाई कंपनियों की संख्या बढ़ गई। आपदा से पहले भी हवाई कंपनियां यहां सेवाएं दे रही थी, लेकिन इनकी संख्या सीमित थी। दो से तीन कंपनियां ही फाटा व गुप्तकाशी से हवाई सेवाएं दे रहे थे, लेकिन आपदा के बाद संख्या दो गुना बढ़ गई।

विमानों के फिटनेस पर सवाल 

केदारनाथ के लिए उड़ान भर रहे हेलीकॉप्टरों की फिटनेश को लेकर भी सवाल हुए थे, इसपर डीएम रुद्रप्रयाग ने केदारनाथ के लिए उड़ान भरने वाले सभी हेलीकॉप्टरों की जांच के लिए डीजीसीए को पत्र लिखा था, लेकिन आज तक हेलीकॉप्टरों की फिटनेश की जांच नहीं हो पाई है।

अब तक की दुर्घटनाएं 

केदारनाथ की पहाड़ियों पर अब तक तीन बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें 23 की जान जा चुकी है। जबकि पांच से अधिक छोटी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। नियमानुसार हेलीकॉप्टर अधिक से अधिक 14 वर्षो तक ही उड़ान के लिए उपयुक्त होता है। केदारनाथ के लिए वर्ष 2003 से केदारनाथ के लिए हवाई सेवाएं संचालित हो रही हैं।

-20 जून 2013-गौरीकुंड के पास, सेना का एमआई 17 क्रैश 21 लोगों की मौत -23 जून 2013 को गौरीकुंड से चार किमी आगे राहत कार्य के दौरान हेलीकॉप्टर क्रैश, पायलट सुरक्षित -29-जून- 2013 केदारनाथ से दो किमी नीचे गुरूड़चट्टी के पास हेलीकॉप्टर क्रैश-2 की मौत  2006 में केदारनाथ हेलीपैड पर हेलीकॉप्टर झुक जाने से एक कर्मचारी का सिर कट कर मौत हो गई थी।