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केजरीवाल के आदेश को उनके मुख्य सचिव ने ही ठुकराया, कहा- मैं क्यों करूं जांच

नई दिल्ली।  मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मातहत ही उनके आदेश की नाफरमानी कर रहे हैं। इस बार यह नाफरमानी किसी छोटे अफसर नहीं बल्कि मुख्य सचिव ने ही की है। दिल्ली मेट्रो किराया बढ़ोत्तरी को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव एमएम कुट्टी में ठन गई है। सीएम केजरीवाल ने कुट्टी से मामले की जांच करने को कहा, तो उन्होंने सीधा कह दिया कि वे मामले की जांच नहीं कर सकते हैं।

दोनों के बीच की लड़ाई इस हद तक बढ़ गई है कि बीच में आम आदमी पार्टी भी कूद गई और उसने तुरंत नौकरशाहों पर केंद्र के दबाव में काम करने का आरोप लगा दिया। मुख्यमंत्री के आदेश को नहीं मानने का यह मुद्दा आने वाले दिनों में तूल पकड़ सकता है। 10 अक्टूबर से मेट्रो किराये में बढ़ोत्तरी के एक दिन बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) की वित्तीय स्थिति व किराया बढ़ोत्तरी के कारणों की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था।

क्या बोले- मुख्य सचिव

इस पर एमएम कुट्टी ने मुख्यमंत्री को सूचित किया कि वे मेट्रो किराया वृद्धि मामले की जांच नहीं कर सकते हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें अपने आवास पर तलब किया। उनसे मुलाकात के दौरान भी मुख्य सचिव ने स्पष्ट कहा कि इस तरह की जांच उनके अधिकार क्षेत्र में ही नहीं आती है। आम आदमी पार्टी की सरकार इसे सोची-समझी साजिश का हिस्सा करार दे रही है। सरकार का कहना है कि मेट्रो किराए में बढ़ोतरी से लोग परेशान हैं।

डीएमआरसी ने वित्तीय स्थिति का हवाला देकर किराया बढ़ाने की बात कही है। ऐसे में दिल्ली सरकार को पूरा अधिकार है कि वह डीएमआरसी द्वारा किराया बढ़ाने के कारणों की जांच करे। आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और नौकरशाही के बीच संबंध शुरुआत से ही खराब रहे हैं। नौकरशाह आरोप लगाते हैं कि सरकार दबाव की राजनीति करती है। सरकार कई फैसले उपराज्यपाल को बताए बिना लेती है, जिससे आए दिन उपराज्यपाल और सरकार के बीच टकराव चलता रहता है।