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केजरीवाल का साढ़ू ही नहीं, दामाद भी ‘खिलाड़ी’ है!

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साढ़ू की करतूतें धीरे-धीरे सामने आ रही हैं। बिना काम किए सरकारी ठेकों के बिल पास करवाने से लेकर अफसरों को धमकाने जैसे मामले खुल रहे हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि केजरीवाल अपने साढ़ू सुरेंद्र कुमार बंसल के अलावा उनके दामाद पर उससे भी ज्यादा मेहरबान थे। एक तरफ साढ़ू फर्जी बिलों से सरकार को चूना लगा रहा था, तो दूसरी तरफ दामाद निकुंज अग्रवाल को बिना किसी टेस्ट या इंटरव्यू के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर और फिर सीधे स्वास्थ्य मंत्री का ओएसडी बना दिया गया। न्यूज़लूज़ पर हमने निकुंज अग्रवाल के भ्रष्टाचार की पोल सबसे पहले खोली थी। अभी सारा फोकस साढ़ू पर है, लेकिन जल्द ही दामाद की कहानी भी सामने आने वाली है।

साढ़ू सुरेंद्र बंसल का दामाद भी देखा जाए तो रिश्ते में केजरीवाल का दामाद ही लगेगा। निकुंज अग्रवाल पेशे से डॉक्टर हैं। आरोप है कि उन्हें हाथ से लिखी एक एप्लिकेशन के आधार पर चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में डॉक्टर की नौकरी दे दी गई। जबकि अस्पताल में कोई पद भी खाली नहीं था और इसके लिए न तो विज्ञापन निकाला गया और न ही कोई इंटरव्यू हुआ। 6 अगस्त 2015 को निकुंज अग्रवाल ने दिल्ली सरकार के चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में नौकरी के लिए एप्लिकेशन दी। हाथ से लिखे इस एप्लिकेशन में ग्रामर की ढेर सारी गलतियां थीं।
इसके बावजूद अस्पताल के निदेशक ने 4 दिन के अंदर अप्वाइंटमेंट लेटर खुद अग्रवाल के घर पहुंचाया। नौकरी पर आने के एक महीने से भी कम समय में 4 सितंबर 2015 को निकुंज अग्रवाल को स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) बना दिया गया। कॉन्ट्रैक्ट इंप्लाई होने के बावजूद उनको आईआईएम अहमदाबाद में मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए भेजा गया। इस कोर्स की फीस 1.15 लाख रुपये है। आम तौर पर इसके लिए सीनियर अधिकारियों को ही भेजा जाता है। डॉक्टर साहब ने इसी दौरान जनता के पैसे पर कई विदेश यात्राएं भी कीं।

तब के उपराज्यपाल नजीब जंग ने केजरीवाल के इस दामाद के खिलाफ विजिलेंस की जांच के आदेश देते हुए यह कानूनी राय लेने को भी कहा था कि अगर भर्ती गलत है तो क्या उन्हें दिए गए वेतन और दूसरे फायदों की वसूली की जा सकती है। इस बारे में वकीलों की राय भी ली जा रही है। कानूनी तौर पर केजरीवाल के दामाद का केस पहली नजर में ही बेहद कमजोर मालूम हो रहा है। क्योंकि दिल्ली के मुख्य सचिव ने उनके अप्वाइंटमेंट की फाइल पर नोटिंग लिखा है कि इसमें तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। यह बात भी सामने आई है कि निकुंज गर्ग के पास डॉक्टरी की डिग्री तो है लेकिन एक मेडिकल प्रैक्टिशनर के तौर पर वो एक अयोग्य व्यक्ति है। ताजा जानकारी यह है कि मामला खुलने के बाद निकुंज अग्रवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

पिछले साल की आखिरी तारीख के दिन सीबीआई ने निकुंज अग्रवाल के अप्वाइंटमेंट को लेकर सत्येंद्र जैन के ठिकानों पर छापेमारी की थी। उस वक्त केजरीवाल ने वीडियो टेप जारी करके केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री को काफी कुछ भला-बुरा कहा था। हालांकि उन्होंने अपने टेप में एक जगह भी इस बात का जिक्र नहीं किया था कि यह छापा क्यों और किसके लिए मारा गया। माना जाता है कि केजरीवाल शुरू से ही इस मामले को दबाने में जुटे रहे हैं। यहां तक कि उन्होंने कुछ मीडिया समूहों को यह खबर पब्लिश न करने के बदले विज्ञापनों का लालच दिया गया। ज्यादातर अखबारों और चैनलों ने केजरीवाल के दामाद की खबर नहीं भी दिखाई हालांकि न्यूज़लूज़ पर हमने ये सारी डिटेल बिना किसी डर या दबाव के पोस्ट कीं।