Breaking News

किसी के चेहरे पर तो नहीं लिखा होता कि कौन रोमियो है. पर हमारी इतने साल की ड्यूटी है कि हम लड़कों की आंखों से, उनके चेहरे से और उनके खड़े होने के अंदाज से पहचान लेते हैं कि कौन शरीफ घर का है और कौन रोमियो

लखनऊ। यूपी में नई सरकार बनने के बाद लिए गये फैसलों में कोई फैसला सबसे ज्यादा चर्चा में है तो वो है ऐंटी-रोमियो स्क्वॉड. बीजेपी सरकार ने सत्ता संभालते ही मनचलों के खिलाफ ‘ऐंटी-रोमियो स्क्वॉड’ बनाने के बाद अपने चुनावी वादे को पूरा किया. और पूरे सूबे में जगह-जगह मनचलों की धर-पकड़ भी तेज हो गई है.

आज के टाईम्स ऑफ इंडिया में एक रिपोर्ट छपी है जिसमे बताया गया है कि ऐंटी-रोमियो स्क्वॉड किस प्रकार कार्य करता है. मतलब स्कूल व कॉलेजो के बाहर ये स्क्वॉड कैसे रोमियों की पहचान करता है. खबर के मुताबिक एक मेल कॉन्स्टेबल ने बताया, ‘अब किसी के चेहरे पर तो नहीं लिखा होता कि कौन रोमियो है. पर हमारी इतने साल की ड्यूटी है कि हम लड़कों की आंखों से, उनके चेहरे से और उनके खड़े होने के अंदाज से पहचान लेते हैं कि कौन शरीफ घर का है और कौन रोमियो है.’

स्क्वॉड एक गर्ल्स कॉलेज के बाहर खड़े लड़कों के पास पहुंचता है. कॉन्स्टेबल एक लड़के को सख्त शब्दों में डांटता है. लड़का कहता है, ‘लेकिन मैं यहां अपने दोस्त से मिलने आया हूं.’ कॉन्स्टेबल जवाब देता है, ‘एक लड़का और एक लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते. अगर तुम इतने ही अच्छे दोस्त हो तो तुम्हें लड़की के घर जाना चाहिए और उसके माता-पिता की इजाजत के बाद उससे बातचीत करनी चाहिए। सड़कों पर माहौल खराब मत करो.’

बीच में वायरलेस हैंडसेट बजने से कॉन्स्टेबल और लड़के के बीच सवाल-जवाब का सिलसिला थम जाता है. स्क्वॉड को निर्देश मिलता है कि वह एसपी के नेतृत्व में कोचिंग सेंटर हब के पास एक बड़ी टीम में शामिल हो. कोचिंग सेंटरों के पास 6 गाड़ियों का काफिला आकर रूकता है. पार्किंग में एक किशोर छात्र को पुलिस अफसर डांटता है, ‘तुम यहां क्यों खड़े हो? घर जाओ.’ बुक स्टाल के बाहर खड़ी एक महिला से कहा जाता है, ‘तुम यहां क्या कर रही हो? क्या तुम्हें कोई परेशान कर रहा है?’ महिला कहती है, ‘नहीं, मुझे कोई परेशान नहीं कर रहा है. मैं यहां अपने बेटे के लिए किताबें खरीदने आई हूं.’