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किसानों से ब्याज सहित मुआवजा वापस लेगी पंजाब सरकार

canalचंडीगढ़। पंजाब सरकार ने सतलुज-यमुना लिंक नहर के लिए अधिग्रहीत 5,376 एकड़ भूमि को गैर-अधिसूचित करने का ऐलान किया है। पंजाब सरकार के आदेश के मुताबिक जमीन का मुआवजा ले चुके लोगों को अब ब्याज सहिता लौटाना होगा। सरकार की ओर से शुक्रवार को जारी आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि वह विधानसभा में ब्याज सहित जमीन के मुआवजे की रकम वापस लेने को लेकर एक विधेयक लाएगी। कांग्रेस ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह मूर्खतापूर्ण आदेश है।
आधिकारिक नोट के मुताबिक, ‘कैबिनेट ने एक ड्राफ्ट बिल को मंजूरी दी है, जिसमें जमीन मालिको और उनके उत्तराधिकारियों से ब्याज सहित मुआवजे की राशि वापस लिए जाने का प्रावधान है। इसके अलावा अन्य सभी लाभ जो जमीन के मुआवजे के तहत मिले थे, वे भी जमीन मालिकों को सरकार को वापस करने होंगे। सरकार लोगों से 60 बराबर किस्तों में मुआवजे की राशि लोगों से ब्याज सहित वापस लेगी। इन किस्तों को चुकाने में असफल रहने पर सरकार मुआवजे का एरियर भी वसूलेगी।’

अधिसूचना के छह महीनों के भीतर ही किसानों को अपनी जमीन के मुआवजे की राशि लौटाने की प्रक्रिया शुरू करनी होगी। सरकार का यह फैसला उन किसानों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है, जिन्होंने तीन दशक पहले मिली रकम को खर्च कर लिया है। इसके अलावा सरकार ने रिपेमेंट के तरीके के बारे में भी कुछ स्पष्ट नहीं किया है। सरकारी नोट के मुताबिक पंजाब सतलुज-यमुना लिंक नहर (रिहैबिलिटेशन ऐंड रि-वेस्टिंग ऑफ प्रॉपराइटरी राइट्स) बिल, 2016 को चालू विधानसभा सत्र में सोमवार को पेश किया जाएगा।

पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल द्वारा पंजाब भवन में बुलाई गई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। विधानसभा में कांग्रेस के नेता विपक्ष चरणजीत चन्नी ने कहा, ‘यह सरकार क्रूरता कर रही है। दूसरों पर हावी होने की आदत के लिए सरकार किसानों पर बोझ डालना चाहती है।’