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कासगंज हिंसा: 12 आरोपियों के घर कुर्की का नोटिस चिपकाया गया

कासगंज। कासगंज हिंसा के आरोपियों की संपत्ति की कुर्की करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. मंगलवार को मामले में फरार चल रहे तीन मुख्य अभियुक्तों समेत 12 आरोपियों के घर पर संपत्ति की कुर्की का नोटिस चस्पा दिया गया. ये नोटिस सभी आरोपियों के घर मुनादी कराकर चस्पाए गए हैं. सभी आरोपियों को एक मार्च तक कोर्ट में हाजिर होने को कहा गया है. कोर्ट में पेश नहीं होने पर इन सभी आरोपियों की संपत्ति की कुर्की कर ली जाएगी.

मंगलवार देर शाम को पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ यह कार्रवाई की. इससे पहले चंदन गुप्ता के पिता सुशील गुप्ता ने मामले में 18  लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी. मामले में सुशील गुप्ता ने जिन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है, उसमें सलीम, वसीम, नसीम, जाहिद उर्फ जग्गा, आसिफ कुरैली उर्फ हिटलर, असलम कुरैशी, असीम कुरैशी, नसरुद्दीन, अकरम, तौफिक, खिल्लन, शबाव, राहत, सलमान, मोहसिन, आसिफ जिम वाला, सादिक और बबलू शामिल हैं. इन आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 147, 148, 149, 341, 336, 307, 302, 504, 506, 124A के तहत मामले दर्ज किए गए हैं.

वहीं, पुलिस ने कासगंज हिंसा को लेकर छह और लोगों को गिरफ्तार किया है. हालांकि अब तक चंदन गुप्ता के हत्या के आरोपी फरार चल रहे हैं. कासगंज में हुई हिंसा के बाद यूपी सरकार ने वहां के एसपी सुनील सिंह को भी हटा चुकी है. उनकी जगह पीयूष कुमार श्रीवास्तव को कासगंज का नया पुलिस कप्तान बनाया गया है.

इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से कासगंज हिंसा को लेकर रिपोर्ट मांगी है. गृह मंत्रालय की ओर से मांगी गई रिपोर्ट में पूछा गया है कि इस हिंसा के फैलने की क्या वजह थी और इसे समय रहते क्यों नहीं रोका जा सका? मालूम हो कि गणतंत्र दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुई हिंसा में एक शख्स की मौत हो गई थी और एक शख्स घायल हो गया था. अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने योगी सरकार से पूछा है कि स्थानीय प्रशासन इसे समय रहते नियंत्रित क्यों नहीं कर सका.

केंद्र सरकार ने यूपी सरकार से इस बारे में तथ्यपरक रिपोर्ट भेजने को कहा है. इसकी वजह यह है कि इस समय संसद का बजट सत्र चल रहा है और मोदी सरकार को अंदेशा है कि विपक्ष इस बारे में सरकार से सवाल पूछ सकती है. केंद्र और उत्तर प्रदेश दोनों जगह बीजेपी सत्ता में है. केंद्र सरकार चाहती है कि अगर कासगंज हिंसा के बारे में सवाल पूछे जाएं, तो उसके पास इससे संबंधित जवाब होने चाहिए.