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कासगंज हिंसा पर रामगोपाल यादव का ‘सांप्रदायिक जजमेंट’

लखनऊ। कासगंज हिंसा पर हर नेता अपनी सहूलियत और राजनीति के हिसाब से बयानबाजी कर रहे हैं। इस बीच समाजवादी पार्टी के नेता और सांसद रामगोपाल यादव का भी बयान सामने आ गया है। रामगोपाल यादव ने तो ऐसा बयान दिया है कि मानो कासगंज हिंसा पर जजमेंट ही सुना दिया। इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के नेताओं ने राज्‍यसभा में हंगामा भी किया। सपा नेता रामगोपाल यादव का कहना है कि कासगंज में मुसलमानों के साथ ज्‍यादती की जा रही है। उनके घरों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। समाजवादी पार्टी ने कासगंज हिंसा को लेकर राज्‍यसभा में इतना हंगामा किया कि सदन की कार्यवाही तक स्‍थगित करनी पड़ी। सदन से बाहर निकलकर रामगोपाल यादव ने इससे भी बड़ा सनसनीखेज और विवादास्‍पद बयान दे डाला। रामगोपाल ने दावा किया कासगंज में हिंदुओं ने ही हिंदू को मारा और आरोप मुसलमानों पर मढ़ दिया।

सदन से बाहर आने के बाद समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि पुलिस कासगंज में बेगुनाहों को गिरफ्तार कर रही है। वहां पर लोगों के साथ ज्यादती की जा रही है। रामगोपाल यादव का कहना था कि मुसलमानों के खिलाफ झूठे मुकदमें दर्ज कर उन्‍हें गिरफ्तार किया गया है। उन्‍होंने ऐसे लोगों की रिहाई की मांग की है। रामगोपाल यादव ने कासगंज हिंसा पर वायरल हो रहे वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि इस वीडियो से सबकुछ साफ हो गया है। उन्‍होंने कहा कि जो लोग वास्‍तव में दोषी हैं, जिन्‍होंने गोलियां चलाई सब वीडियो में दिख रहा है। सबकुछ सबके सामने है। उन्‍होंने कहा कि वीडियो में दिख रहा है कि मार कौन रहा है और मर कौन रहा है। रामगोपाल यादव ने कहा कि कासगंज में हिंदुओं ने ही हिंदू को मारा है और मुसलमानों के ऊपर इल्‍जाम लगा दिया गया। इसके साथ ही उन्‍होंने विर्की बंधुओं के खिलाफ मुकदमें पर भी सवाल खड़े किए।

रामगोपाल यादव ने पूछा कि क्‍या सलीम, वसीम और नसीम मुलजिम हैं। दरअसल, कासगंज में चंदन गुप्‍ता की हत्‍या का आरोप तीन सगे भाईयों पर हैं। जिसमें सलीम विर्की, वसीम विर्की और नसीम विर्की का नाम शामिल है। इस केस में एसटीएफ नसीम विर्की को गिरफ्तार कर चुकी है। जबकि कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया है कि वसीम विर्की का पॉलिटिकल कनेक्‍शन है। वो समाजवादी पार्टी के कई बड़े नेताओं के संपर्क में रहता था। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या विर्की बंधुओं को बचाने के लिए रामगोपाल यादव ने इस तरह का बयान दिया है। वो बिना कासगंज गए, इस तरह का बयान कैसे दे सकते हैं। रामगोपाल यादव के पास कौन सी जांच मशीनरी है जिससे ये साबित होता है कि कासगंज में हिंदुओं ने ही हिंदू को मारा। रामगोपाल का ये बयान काफी विवादास्‍पद और भड़काऊ माना जा रहा है। तमाम लोगों ने इस बयान को लेकर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है।

दरसअल, कासगंज हिंसा 26 जनवरी को उस वक्‍त भड़की थी जब तिरंगा यात्रा के दौरान दो समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए थे। एक समुदाय के लोग इस यात्रा को अपनी कॉलोनी से नहीं निकलने दे रहे थे। जिसके बाद विवाद बढ़ गया था। पथराव और गोलियां चलनी शुरु हो गई थी। इसी फायरिंग में चंदन गुप्‍ता नाम के युवक की मौत हो गई थी। इस केस में तीन मुख्‍य आरोपियों में से एक सलीम गिरफ्तार हो चुका है। जिसे अदालत ने न्‍यायिक हिरासत में भेज दिया है। इतना ही नहीं पुलिस चंदन गुप्‍ता की हत्‍या में इस्‍तेमाल पिस्‍टल भी बरामद कर चुकी है। सलीम की निशानदेही पर ही पिस्‍टल बरामद की गई। पुलिस के सूत्र बता रहे हैं कि सलीम ने कबूल कर लिया है कि उसने ही अपने घर की बॉलकनी से चंदन गुप्‍ता पर गोलियां दागी थीं। बहरहाल, इस केस में पुलिस जब अपनी चार्जशीट दायर करेगी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगी। लेकिन, इससे पहले रामगोपाल सरीखे नेताओं को विवादित जजमेंट देने से बचना चाहिए।