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काले धन पर एक और वार की तैयारी, तय हो सकती घर में कैश रखने की सीमा

note19नई दिल्ली। काले धन पर एक और करारे प्रहार के लिए सरकार घरों में नकदी रखने की सीमा तय कर सकती है। बताया जा रहा है कि नोटबंदी के बाद लगातार चल रही छापेमारी में भारी मात्रा में नकदी पकड़ाने के मद्देनजर वित्त मंत्रालय कैश लिमिट तय करने की जरूरत महसूस कर रहा है। खबर है कि मंत्रालय विभिन्न एजेंसियों के साथ इस बात पर विचार कर रहा है कि आखिर घरों में नकदी रखने की सीमा क्या हो। सूत्रों की मानें तो मंत्रालय इस संबंध में जल्द फैसला लेकर इसकी घोषणा कर सकता है।

दरअसल, ब्लैक मनी पर बनी एसआईटी के अध्यक्ष जस्टिस एमबी शाह और उपाध्यक्ष अरिजित पसायत ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर कहा है कि अगर नकदी रखने की सीमा तय नहीं की गई तो नोटबंदी प्रभावी साबित नहीं होगी। इस चिट्ठी में दोनों ने कहा कि अगर कैश लिमिट तय नहीं हुई तो लोग फिर से काला धन जमा कर लेंगे।

इससे पहले एसआईटी ने घर में कैश रखने की लिमिट 15 लाख रुपये तय करने की सिफारिश कर चुकी है। जुलाई में वित्त मंत्रालय को सौंपी अपनी 5वीं रिपोर्ट में एसआईटी ने 15 लाख रुपये से ज्यादा कैश घर में रखने के लिए इनकम टैक्स कमिश्नर की अनुमति लेनी की सिफारिश की थी। रिपोर्ट में किसी व्यक्ति के खाते से तीन लाख रुपये से ज्यादा निकाले जाने पर बैंक से फाइनैंशल इंटेलीजेंस यूनिट और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को जानकारी दिए जाने पर जोर दिया गया है।

इससे पहले केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के पूर्व अध्यक्ष सुधीर चंद्र की अध्यक्षता वाली समिति ने भी निजी इस्तेमाल के लिए नकदी रखने की सीमा तय करने की सिफारिश की थी। समिति का सुझाव था कि तय सीमा से ज्यादा कैश जब्त कर लिया जाना चाहिए। समिति ने इस संबंध में केरल हाई कोर्ट के एक ऑर्डर का हवाला दिया था। बहरहाल, अगर घरों में कैश रखने की लिमिट तय होती है तो इनकम टैक्स ऐक्ट 1961 में जरूरी संशोधन करना होगा।

गौरतलब है कि 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोट अवैध घोषित किए जाने के बाद से गैर-कानूनी तरीके से काले धन को सफेद करने के कई मामले सामने आ चुके हैं। आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में विभिन्न एजेंसियों की छापेमारी में 16 दिसंबर तक 316 करोड़ रुपये जब्त हो चुके हैं। हैरत की बात यह है कि जब्त रुपयों में 80 करोड़ रुपये मूल्य के नए नोट शामिल हैं।