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“काम बोलता है” सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, गायत्री प्रजापति के खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर

नई दिल्ली/लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. ये एफआईआर बलात्कार के आरोप में दर्ज की जाएगी. मामले में अब तक टालमटोल भरा रवैया अपना रही यूपी पुलिस से कोर्ट ने 8 हफ्ते में रिपोर्ट देने को भी कहा है.

खुद को समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ता बताने वाली महिला का दावा है कि गायत्री प्रजापति ने 2014 से जुलाई 2016 तक, 2 साल उसके साथ बलात्कार किया. प्रजापति और उनके सहयोगियों ने कुछ मौकों पर उसके साथ सामूहिक बलात्कार भी किया. जब प्रजापति ने उसकी 14 साल की बेटी के साथ बलात्कार की कोशिश की तब उसने पुलिस में शिकायत की.

महिला के मुताबिक ये सारा सिलसिला उसे राजनीति में आगे बढ़ाने के गायत्री प्रजापति के वादे से शुरू हुआ. प्रजापति ने उसे मिलने के लिए लखनऊ बुलाया. वहां उन्होंने उसका बलात्कार किया. बाद में उसकी अश्लील तस्वीरें सार्वजनिक करने का डर दिखा कर वो और उनके सहयोगी बलात्कार करते रहे.

महिला ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसने 7 अक्टूबर 2016 को यूपी के डीजीपी से शिकायत की. लेकिन उन्होंने कहा कि वो मुख्यमंत्री से पूछ कर ही कोई कार्रवाई करेंगे. इससे निराश महिला ने नवंबर में सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया.

इस मामले में 25 नवंबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया था. साथ ही जान के खतरे के डर से दिल्ली में रह रही महिला और उसकी बेटी को सुरक्षा देने का दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था. महिला के मुताबिक उसकी 14 साल की बेटी पूरी घटना से इतनी परेशान हुई कि अभी तक एम्स में उसका मानसिक इलाज चल रहा है.

आज सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के हलफनामे को ठुकरा दिया. इसमें कहा गया था कि महिला ने शिकायत दाखिल करने में देरी की. इसलिए एफआईआर दर्ज नहीं की गयी. जस्टिस ए के सीकरी और आर के अग्रवाल की बेंच ने कहा कि मामला संगीन अपराध से जुड़ा है. इसमें तुरंत एफआईआर दर्ज करना पुलिस की ज़िम्मेदारी थी.

कोर्ट ने यूपी पुलिस को ये निर्देश दिया है कि वो तुरंत महिला की शिकायत पर एफआईआर दर्ज करे और 8 हफ्ते में जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करे. ये रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में दाखिल की जाएगी.

गायत्री प्रजापति पर भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं. उन्हें मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त भी किया था. लेकिन बाद में दोबारा शामिल कर लिया. इस वक्त वो समाजवादी पार्टी के टिकट पर अमेठी से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं.