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कानपुर संजीत हत्याकांड : फिरौती की रकम को लेकर फंसी पुलिस, वायरल ऑडियो-वीडियो से सच साबित करने में जुटी

कानपुर। कानपुर के संजीत यादव कांड में 30 लाख रुपए फिरौती की रकम को लेकर पुलिस अब तक किसी नजीते पर नहीं पहुंच पाई। अपने ही दावों में फंसती नजर आई। यहां तक अब तक उस बैग को भी नहीं खोज पाई है, जिसमें फिरौती की रकम फेंकी गई थी।

संजीत के अपहरणकर्ता ने परिवार को 29 जून को फिरौती की पहली कॉल की थी। लगातार 26 कॉल पर बर्रा इंस्पेक्टर रणजीत राय ने फिरौती देकर छुड़ाने की योजना बनाई। ऐसा दावा संजीत के परिवार का है। बर्रा इंस्पेक्टर के कहने पर संजीत के परिवार ने 13 जुलाई को गुजैनी पुल से रेलवे लाइन के नीचे 30 लाख रुपयों से भरा बैग फेंका। अपहरणकर्ता बैग लेकर भाग गए और पुलिस ताकती रही। फिरौती देने के दूसरे दिन तक संजीत घर नहीं पहुंचा तो परिवार ने पुलिस की मौजूदगी में फिरौती देने का खुलासा किया।

तत्कालीन एसपी साउथ ने परिवार के दावों को सिरे से नकारा कि ऐसा संभव नहीं है। पुलिस ताकती रहे और अपहरणकर्ता फिरौती लेकर भाग जाएं। इसके बाद बताया कि उसमें फिरौती कि रुपए थे ही नहीं, सिर्फ कपड़े रखे गए। मतलब साफ था कि बैग गुजैनी पुल से पुलिस ने अपनी निगरानी में फिंकवाया था। फिरौती की रकम थी या नहीं। इसकी जांच कानुपर के नोडल अधिकारी और एडीजी पीएचक्यू बीपी जोगदंड कर रहे हैं। जांच चल ही रही कि सोशल मीडिया पर दो वीडियो और एक ऑडियो सामने आया। पहला वीडियो बर्रा क्षेत्र के दुकानदार नीरज का था, जिसमें उसका दावा है कि दुकान से चूरन वाले नोट खरीदे गए हैं। पांच-पांच सौ लिखे नोट की चार गड्डियां एक युवक को बेची थीं। दुकानदार खरीदार युवक को पहचानता नहीं है। 16 जुलाई को दो लोग दुकान आए थे। उन्होंने चूरन के नोट खरीदे जाने के बाबत पूछताछ की। थाने भी ले गए थे। यहां तक पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने भी पूछताछ की।

दूसरा वीडियो संजीत के पिता का वायरल हुआ। जिसमें था कि चूरनवाले नोट की आठ-नौ गड्डियां थीं। तीसरा ऑडियो वायरल हुआ। दावा था तत्कालीन बर्रा इंस्पेक्टर रणजीत राय का था। ऑडियो के मुताबिक, रणजीत कहते हैं कि अगर आपको दिक्कत थी तो दूसरे अधिकारी को लगवा देते। हमें और मैडम को लेकर ऐसी बातें कर रहे हो तो किसका नुकसान होगा। बैग में पैसे नहीं थे तो झूठ क्यों कह रहे हो। कॉल में संजीत के पिता से बात होने का दावा किया गया। इसके बाद संजीत के परिवार का बैंक स्टेटमेंट वायरल हुआ। उसमें खाते में कुल 10 लाख जमा होने की बात थी। 29 जून से 13 जुलाई तक कोई भी निकासी नहीं थी। सोशल मीडिया पर फिरौती को लेकर इतना सब वायरल होने के बाद भी अब तक गुजैनी पुल से फेंका बैग बरामद न होने से पुलिस अपने ही जाल में फंसती नजर आ रही है। तीन हत्यारोपितों को रिमांड पर लेने के बाद भी बैग को लेकर पुलिस के हाथ खाली हैं।

बैग लाओ, चाबी मेरे पास है
संजीत के पिता चमनलाल का दावा है कि जिस बैग में पुलिस के कहने पर फिरौती के 30 लाख रुपए रखे और गुजैनी पुल से फेंका था। उसमें एक लॉक लगा था। लॉक की चाबी अब भी उनके पास है। यही नहीं बैग फेंकने के अन्य साक्ष्य भी हैं। पुलिस बैग बरामद करके लाए तो रुपए थे या नहीं। इसका खुलासा खुद हो जाएगा।