कुछ ही दिन पहले मोदी सरकार के अंतर्गत 1984 के सिख दंगों के मामले में कुछ केस को उच्च न्यालय में दोबारा से खोला गया और हाई कोर्ट के एक जज के तहत एक नई कमेटी का गठन किया गया जो इस मुद्दे पे जांच करेगी|तभी से ही कांग्रेस के हाव भाव बदले बदले नज़र आ रहे है और कांग्रेस को गहरा झटका लगा है|
तभी से ही कांग्रेस नई नई चालें चल रही है|इसी के बाद ही सुप्रीम कोर्ट के चार न्याधिशों ने कांग्रेस के आदेश पे मुख्य न्याधीश पर आरोप लगाये थे क्यूँ की वे इन सब मुद्दों की जांच जो कर रहे है और कांग्रेस के काले कारनामे दुनिया के सामने आ रहे है|कांग्रेस अब इसमें बुरी फसती हुई नज़र आ रही है|
हाल ही में सिख दंगों के मुख्य आरोपी कांग्रेस नेता जगदीश टाईटलर ने इस बात का खुलासा किया था की तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने दंगों के वक्त हालात का जायजा लेने के लिए उनके साथ उत्तरी दिल्ली के कई चक्कर लगाए थे| राजीव गांधी ने अपनी कार में इलाकों का मुआयना किया था|अब भला दंगों के वक़्त क्या राजीव गाँधी को सैर सूझ रही थी|इसका साफ़ मतलब यही है की वे इनको सुपरवाइज़ कर रहे थे |
Rajiv Gandhi- Tytler reveals that congi PM Was moving around in his car in Delhi during 1984 Sikh massacre- it proves that he led the massacre personally-No wonder police was helping in killing & Army was not called for 3 days.
— Col Ajit Bhinder (@ajitbhinder) January 29, 2018
अब कांग्रेस को एक और बड़ा झटका देते हुए इसमें मुख्य रहे आरोपी कांग्रेस नेता जगदीश टाईटलर ने अपना गुना कबूल कर लिया है|“जब बड़ा पेड़ गिरता है, तो धरती हिलती है”| कांग्रेस अपने द्वारा किये हुए गुनाहों के दाग कभी नही धो सकती|कांग्रेस को उसके किये और सिखों पर किये इस नरसंहार की कीमत चुकानी होगी|
Jagdish Tytler confesses to his involvement in the 1984 Sikh genocide on tape. Just a few days back he had claimed that Rajiv Gandhi was out on streets of Delhi supervising things.. जब बड़ा पेड़ गिरता है, तो धरती हिलती है। The Gandhis can’t wash the stain of Sikh genocide…
— Amit Malviya (@malviyamit) February 5, 2018
1984 के सिख दंगे और सिखों पर हुए नरसंहार की दर्द भरी दास्ताँ
31अक्टूबर 1984 को भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के बाद देशभर में सिख विरोधी दंगा भड़क गए| देशभर में सिखों के घरों और उनकी दुकानों को लगातार हिंसा का निशाना बनाया गया। तीन दिन तक सिखॊं का नरसंहार चलता रहा।
दिल्ली में खासकर मध्यम और उच्च मध्यमवर्गीय सिख इलाकों को योजनाबद्ध तरीके से निशाना बनाया गया। राजधानी के लाजपत नगर, जंगपुरा, डिफेंस कॉलोनी, फ्रेंड्स कॉलोनी, महारानी बाग, पटेल नगर, सफदरजंग एनक्लेव, पंजाबी बाग आदि कॉलोनियों में हिंसा का तांडव रचा गया। गुरुद्वारों, दुकानों, घरों को लूट लिया गया और उसके बाद उन्हें आग के हवाले कर दिया गया। इंदिरा गांधी के मरने के बाद प्रधानमंत्री बने उनके बेटे राजीव गांधी ने हिंसा के जवाब में कहा कि जब कोई मजबूत पेड़ गिरता है तब उसके आसपास की धरती हिलती ही है।
राजीव गाँधी का ये बयान आग में घी की तरह काम कर रहा था लोगोँ को इशारा मिलना काफ़ी था। कुछ लोगोँ ने बाक़ायदा रजिस्टर लेकर दिल्ली के घरों में जा जाकर उनकी पहचान करनी शुरू कर दी ताकि कोई भी सिख परिवार उनके इस कोप से बच न सके। उस वक्त सिखों के परिवार पर किये गये जुल्मों से रूह भी काँप गयी होगी। गर्भवती महिलाओँ को पेट के बल लिटाकर उसके ऊपर दंगगाई कूदने लगे। जवान लड़कियों के साथ बलात्कार किया गया और पुरुषों को टायर का हार डाल कर जला दिया गया।
इतना भीभत्स कांड होने के बावजूद आज 34 वर्षो से सिख समुदाय को इंसाफ नहीं मिल पाया है। किसी भी आरोपी को सजा नहीं दी गयी।पर कहते है की हर गुनहगार को उसके किये की सज़ा जरुर मिलती है|सच की हमेशा जीत होती है और इन्साफ जरुर एक दिन दरवाज़ा खटखटाता है|