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कांग्रेस नेता अभिषेक मनु पर आयकर विभाग ने कसा शिकंजा, ठोंका 56.67 करोड़ का जुर्माना

abhishekनई दिल्ली। कांग्रेस नेता और मशहूर वकील अभिषेक मनु सिंघवी पर आयकर विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. आयकर विभाग के सेटलमेंट कमीशन ने उनके ऊपर पिछले तीन सालों की कमाई में से 91.95 करोड़ रुपए कम दिखाए जाने के चलते उन पर 56.67 करोड़ का जुर्माना ठोंक दिया है.

कांग्रेस के इस भ्रष्टाचार का रूप सामने आने के बाद बीजेपी ने इस पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा है जो लोग ये कहते थे कि मोदी सरकार बड़े नेताओं के ख़िलाफ़ कुछ नहीं करेगी और उनको हाथ भी नहीं लगाएगी. उनको शायद इस वाक़ये से मोदी सरकार की कार्य प्रणाली का अहसास हो गया होगा. फिलहाल पीएम मोदी किसी को छोड़ने वाले नहीं है. अभी पिछले दिनों ही अंबानी की कंपनी पर दस हज़ार करोड़ का जुर्माना लगाया गया है.

हालांकि कमीशन के इस फैसले पर अभी के लिए उन्हें कोर्ट से स्टे ऑर्डर मिल गया है. बीजेपी ने इस मामले में कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘‘जिन लोगों ने लोगों को काले धन पर प्रवचन दिया, उन लोगों के घर में काला धन का यह मामला टिप ऑफ द आइसबर्ग है.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, सिंघवी ने आयकर और कमीशन के सामने दावा किया था कि उन्होंने अपने कर्मचारियों के लिए तीन वर्षों में 5 करोड़ के लैपटॉप खरीदे थे. इसलिए वह 30 फीसदी डिप्रीशिएशन के हकदार हैं. कमीशन ने अपनी जांच में पाया कि सिंघवी ने अपनी सहायता के लिए 14 वकीलों-प्रोफेशनल्स की टीम रखी है. वहीं लैपटॉप पर 5 करोड़ खर्च करने के लिए उनके द्वारा 40 हजार की दर से 3 साल में 1250 लैपटॉप खरीदे जाने चाहिए थे. सिंघवी ने अपने पक्ष में जो दावे किए. उसके वह दस्तावेज जमा नहीं करा पाए. उन्होंने कमीशन को बताया कि दिसंबर 2012 में उनके सीए के ऑफिस में दीमकों ने ‘हमला’ कर दिया था और वे सारे दस्तावेज और वाउचर खा गए.कमीशन ने सिंघवी द्वारा अपनी कंपनी ऋषभ इंटरप्राइजेज के लिए सोलर पैनल लगाने पर 35.98 करोड़ रुपए खर्च किए जाने के दावे की भी जांच की और पाया गया कि पैनल के दाम बढ़ाकर बताया गए, ताकि टैक्स से बचा जा सके.

इतना ही नहीं जिस कंपनी से सोलर पैनल लिए गए, उसने आयकर विभाग की जांच में माना कि उसे 21.39 करोड़ रुपए ही मिले थे, जबकि सिंघवी के रिकॉर्ड में यह 25.16 करोड़ बताया गया है. कंपनी ने कहा कि कीमत बढ़ाकर दिखाई गई थी और इसमें से 10 करोड़ रुपए सिंघवी के बेटों को लोन के रूप में लौटाना था. कमीशन ने सिंघवी के असेसमेंट के शुरुआती स्तर पर किए गए इस दावे को भी चुनौती दी कि कानूनी प्रैक्टिस से उन्होंने जो आय अर्जित की वह 55 प्रतिशत की रेंज में है. आदेश में कहा गया है कि सिंघवी के लेवल के सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकीलों ने आयकर विभाग को सूचित किया है कि उनकी नेट इनकम 90 से 95 फीसदी की रेंज में रही.