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कश्मीरी लिबास में दो आतंकवादी पहले से ही मौजूद थे अस्पताल में, बड़ी साजिश की आशंका

श्रीनगर। श्रीनगर के श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल में मंगलवार को पुलिस वालों पर फायरिंग करके आतंकवादी के भागने की घटना को लेकर पड़ताल के बीच एक बड़ा प्रश्न सामने आ रहा है कि इसके पीछे कोई गंभीर साजिश तो नहीं है ? इस घटना में आतंकी की गोलीबारी में दो पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं. माना जा रहा है कि जब पुलिस आतंकवादियों को लेकर अस्पताल पहुँची तो वहां दो आतंकवादी फेरन (कश्मीरी लिबास) में पहले से मौजूद थे उन लोगों ने पुलिस के साथ आये आतंकवादियों को छुड़ाने के लिए पुलिस वालों को निशाना बनाकर गोलियां बरसाईं. गोलीबारी शुरू होते ही पुलिस के साथ आये पाकिस्तानी आंतंकवादी ने एक पुलिसवाले से रायफल छीनकर पुलिस वालों पर गोलियां चला दीं, और फरार हो गया. अस्पताल में हमला करने के बाद सभी आतंकी गाड़ी में बैठ कर भाग गए.

गोलीबारी की घटना के बाद आतंकवादी के भागने की तस्वीरें सीसीटीवी में कैद हुई हैं. इस वीडियो में आतंकवादी लोगों की आड़ में भागता हुआ नजर आया है। मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया जा रहा है कि अस्पताल में स्थानीय लोगों ने आतंकी को भगाने में मदद की. सवाल यह है कि आखिर ये स्थानीय लोग कौन हैं ? पुलिस इन स्थानीय लोगों की जांच में जुटी है। हालांकि, पुलिस सूत्रों का मानना है कि यह सुरक्षा चूक का मामला हो सकता है। बड़ा सवाल यह है कि पुलिस अस्पताल में आतंकवादियों को ला रही है इसका पता सिर्फ पुलिस को था तो अस्पताल में पहुंचे स्थानीय आतंकवादियों तक यह खबर कैसे पहुँची ? माना जा रहा है कि फरार आतंकी अस्पताल परिसर या आसपास भी कहीं छुपा हो सकता है. उसकी तलाश तेज कर दी गयी है. फरार आतंकवादी नावीद को पाकिस्तानी आतंकी बताया जा रहा है। सुरक्षा बलों ने नावीद को पिछले साल एक बड़े ऑपरेशन के दौरान शोपियां में पकड़ा था।

ज्ञात हो सुबह के साढ़े ग्यारह बजे के करीब अस्पताल में गोलीबारी हुई। अस्पताल लाये गए इन आतंकियों के साथ पुलिसकर्मी और सुरक्षा बल के जवान थे। नावीद ने एक पुलिसकर्मी के हथियार छीन लिए और इस छीनाझपटी में दो पुलिसकर्मियों को गोली लग गई। पुलिस अब इस बात की जांच में जुटी है कि अस्पताल के अंदर कौन से लोग थे जिन्होंने नावीद को भगाने में मदद की।

श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल में बड़ी संख्या में लोगों का आना-जाना रहता है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि पुलिस यदि भागते नावीद को निशाना बनाने की कोशिश करती तो आम लोगों के मारे जाने की आशंका थी. समझा जाता है कि आतंकवादी यह जानता था और उसने इस बात का फायदा उठाया।  पुलिस के सूत्रों का कहना है कि यह घटना कहीं न कहीं सुरक्षा में चूक का नतीजा है क्योंकि नावीद को मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल लाया जाना है, इस बात का पता केवल पुलिस को था। अस्पताल में स्थानीय आतंकवादी यदि पहले से मौजूद थे तो यह बात साफ हो जाती है कि उन्हें नावीद के मेडिकल चेक अप की जानकारी पहले से थी।