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कर्नाटक का नाटक : ‘एंटी हिंदू’ सिद्धारमैया को बचाने के लिए राहुल गांधी करेंगे टेंपल पॉलिटिक्‍स

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले ही ध्रुवीकरण की राजनीति तेज हो गई है। हालांकि कांग्रेस पार्टी भारतीय जनता पार्टी पर वोटों के ध्रुवीकरण का आरोप लगा रही है। जबकि बीजेपी का कहना है कि कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री सिद्धारमैया बंटवारे की राजनीति कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह सिद्धारमैया को एंटी हिंदू करार दे चुके हैं। कर्नाटक में बीजेपी इसी लाइन पर आगे बढ़ रही है। बीजेपी ने कर्नाटक में उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को भी अपना स्‍टार प्रचारक बनाने की तैयारी कर ली है। इस बीच बताया जा रहा है कि कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी भी कर्नाटक में अपनी सरकार बचाने के लिए गुजरात की तर्ज पर यहां भी टेंपल पॉलिटिक्‍स की चाल चल सकते हैं। वो कर्नाटक में भी तमाम मंदिरों में मत्‍था टेकते नजर आ सकते हैं ताकि हिंदुओं का भी वोट कांग्रेस पार्टी को मिल सके।

दरअसल, राहुल गांधी या कहें कांग्रेस को लगता है कि गुजरात में युवराज का टेंपल रन सफल रहा था। इसीलिए राहुल गांधी अपनी साफ्ट हिंदुत्‍व की छवि बनाना चाहते हैं। हालांकि कर्नाटक में ये सब राहुल गांधी के लिए बहुत आसान नहीं होगा। लेकिन, फिर भी कांग्रेस पार्टी को लगता है कि कर्नाटक में हिंदुत्‍व कार्ड खेलकर बीजेपी को चुनौती दी जा सकती है। हिंदुत्‍व कार्ड के जरिए वो सिद्धारमैया की बिगड़ी छवि को भी सुधार सकते हैं। वैसे भी देखा जाए तो कर्नाटक की जंग राहुल गांधी के लिए बहुत खास है। उनके सामने यहां पर सत्‍ता की साख को बचाए रखने की चुनौती है। लेकिन, इस बार कांग्रेस को बीजेपी से कड़ी चुनौती मिलनी तय है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अगले महीने राहुल गांधी कर्नाटक का दौरा करेंगे। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी दस से 12 फरवरी तक कर्नाटक का दौरा करेंगे इस दौरान वो कुछ प्रमुख मंदिरों में मत्‍था भी टेक सकते हैं।

हालांकि राहुल गांधी के कर्नाटक में प्रचार की अंतिम रुपरेखा तय होनी बाकी है। सिद्धारमैया अपनी ही उलझनों में फंसे हुए हैं। कर्नाटक में कांग्रेस के भीतर ही घमासान चल रहा है। ये सारी बातें हाईकमान को परेशान कर रही हैं। क्‍योंकि जहां एक ओर राज्‍य में बीजेपी ने अपना चुनावी अभियान शुरु कर दिया है। वहीं दूसरी ओर कर्नाटक में सिद्धारमैया और दूसरे नेताओं के झगड़े ही शांत होने का नाम नहीं ले रहे हैं। जिसकी वजह से पार्टी की लगातार फजीहत भी हो रही है। पार्टी हाईकमान को चिंता इस बात की है कि कहीं बीजेपी सिद्धारमैया की एंटी हिंदू वाली छवि को लेकर और आक्रामक ना हो जाए। अगर ऐसा होता तो कांग्रेस के लिए बड़ी मुश्किल होगी। इसलिए कांग्रेस ने अभी से राहुल गांधी के साफ्ट हिंदुत्‍व पर फोकस करना शुरु कर दिया है। यही वजह है कि माना जा रहा है कि यहां पर भी राहुल गांधी मंदिर-मंदिर भटकते नजर आएंगे।

कर्नाटक में राहुल गांधी की मंदिर पॉलिटिक्‍स तय है। लेकिन, उनके टेंपल रन की शुरुआत कहां से और कब की जाएगी इस बात को लेकर असमंजस बना हुआ है। पार्टी नेता लगातार उनका रुट प्‍लान बना रहे हैं। लेकिन, अब तक मंदिर पॉलिटिक्‍स के शुरुआती पड़ाव पर आम सहमति नहीं बन पा रही है। सूत्र बताते हैं कि मुख्‍यमंत्री सिद्धारमैया मैसूर के पक्ष में हैं। उनका मानना है कि राहुल गांधी को मैसूर से अपनी यात्रा की शुरुआत करनी चाहिए। मैसूर में वर्ल्‍ड फेमस चामुंडेश्वरी देवी का मंदिर है। यहीं पर पास में वीरशैव-लिंगायत समुदाय का सुत्तूर मठ भी है। सिद्धारमैया का मानना है कि चामुंडेश्वरी के दर्शन से शुरुआत होने से कर्नाटक के हिंदुओं के बीच में कांग्रेस को लेकर सकारात्मक संदेश जाएगा। जबकि कांग्रेस के दूसरे नेता मल्लिकार्जुन खड़गे कलबुर्गी-बीदर ये यात्रा शुरु कराने के पक्ष में हैं। इसके अलावा उडुपी श्रीकृष्ण मंदिर का नाम भी चर्चा में हैं जहां से राहुल गांधी अपनी यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं। पिछले चुनाव में यहां कांग्रेस का प्रदर्शन अच्‍छा रहा था।