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कमिटी के दिशानिर्देशों को नजरअंदाज कर ‘कमाई’ कर रहे अफसर

traffic-policeलखनऊ। सड़क पर ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों से कितना जुर्माना वसूला गया, उनके लाइसेंस रद्द किए गए कि नहीं… इन सब सवालों के जवाब में परिवहन विभाग और ट्रैफिक विभाग के अफसर तथा कर्मचारी आनाकानी कर रहे हैं। ‘पर्सनल कमाई’ के चक्कर में वह न ऐसे लोगों से जुर्माना वसूल रहे हैं और न हीं लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई कर रहे हैं जबकि सुप्रीम कोर्ट की कमिटी ऑन रोड सेफ्टी इस मामले में कड़े निर्देश दे चुकी है।

परिवहन विभाग कमिटी के निर्देशों को लागू करने के लिए दो बार रिमाइंडर भी दे चुका है पर कोई असर नहीं हुआ। अब कमिटी ने कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है तो फिर एक बार फिर विभाग ने परिवहन प्रवर्तन टीमें एवं ट्रैफिक पुलिस के जिम्मेदारों को निर्देशों को लागू कर रिपोर्ट भेजने को कहा है।

परिवहन आयुक्त के रविन्द्र नायक ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की कमिटी ऑन रोड सेफ्टी के निर्देशों के बारे में 18 अगस्त 2015 व 17 नवम्बर 2015 को डीजीपी से लेकर जीएम व एसएसपी तक को निर्देशों को लागू कराने के लिए पत्र भेजा गया था। लेकिन अभी तक उन निर्देशों पर अमल नहीं हो पा रहा है जबकि कमिटी अब तक की गई कार्रवाई के बारे में रिपोर्ट मांग रही है। एक बार फिर सभी अफसरों को रिमांइडर भेजा गया है। उनसे कहा गया कि चालान किए गए वाहनों के ड्राइवर्स का लाइसेंस सस्पेंड करने के लिए निर्धारित प्रारूप पर संबंधित आरटीओ को हर हालत में महीने की 10 तारीख तक विवरण भेजें। इसके अलावा शराब पीने व विपरीत दिशा में गाड़ी चलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने के बारे में भी लिखा गया है।

यह हैं कमिटी के निर्देश
सड़क सुरक्षा कानूनों को लागू करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से बीते साल जस्टिस राधा कृष्णन की अध्यक्षता में रोड सेफ्टी कमिटी का गठन किया था। कमिटी ने ये निर्देश दिए थे।

-ट्रैफिक नियम जैसे हैलमेट, सीट बेल्ट नहीं लगाने, शराब पीकर वाहन चालने जैसे अपराधों के लिए दो घंटे का प्रशिक्षण दिया जाए।

-ऐसे लोगों के वाहन, लाइसेंस एवं अन्य कागजात जब्त कर लिए जाएंगे।

-कार्रवाई के दौरान ट्रेनिंग का स्थान और समय दिया जाएगा, उस स्थान पर आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों के माध्यम से रोड सेफ्टी पर ट्रेनिंग और फिल्म दिखाई जाएगी।

-रोड सेफ्टी पर ट्रेनिंग लेने के बाद जुर्माना वसूल कर ही जब्त लाइसेंस एवं कागजात वापस दिए जाएंगे।

-बिना हेलमेट पर जुर्माना एवं काउंसलिंग दोनों की जाएंगी।

-तेज गति से वाहन चलाने पर पहली बार में 400 रुपये जुर्माना और दोबारा में 1000 रुपये वसूला जाएगा।

-शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों को भेजें जेल

-विपरीत साइड एवं वन वे में घुसने वालों को भी हो सजा

-सार्वनजिक मार्गों पर तेज रफ्तार ड्राइविंग करने वालों का रद्द हो लाइसेंस

कोई निर्देश नहीं हो रहा फॉलो
कमिटी के कड़े निर्देशों के बावजूद न तो परिवहन विभाग इस दिशा में कार्रवाई कर रहा है और न ही यातायात पुलिस। दोनों विभागों के चेकिंग अधिकारी कागजी चालान कर जुर्माना वसूल रहे हैं। वह न तो उनके खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 185 के तहत कार्रवाई कर रहे हैं और न ही उनका लाइसेंस सस्पेंड करने की जहमत उठा रहे हैं। विपरीत साइड एवं वन वे में घुसने वालों का भी बस चालान कर दिया जा रहा है। उनके खिलाफ धारा 279 का मामला दर्ज करके उन्हें सजा नहीं दिलाई जा रही है। उनसे पहली बार में न्यूनतम 1000 रुपए जुर्माना वसूल किया जाना चाहिए। इसे भी फॉलो नहीं किया जा रहा है। सार्वनजिक मार्गों पर तेज रफ्तार ड्राइविंग करने वालों का लाइसेंस भी नहीं रद किया जा रहा है।