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‘कभी नहीं कहा कि RSS ने गांधी को मारा’

rahul-gandhi-pti (1)नई दिल्ली। महात्मा गांधी की हत्या में RSS का नाम जोड़ने पर सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए मानहानि केस में राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि उन्होंने इसके लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को एक संगठन के तौर पर कभी जिम्मेदार नहीं बताया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में मुंबई हाई कोर्ट के समक्ष दायर किए गए राहुल गांधी के हलफनामे का हवाला दिया। इस हलफनामे के मुताबिक राहुल ने RSS के कुछ लोगों पर गांधी की हत्या करने का आरोप लगाया था न कि संगठन को महात्मा का हत्यारा बताया था।

गांधी की हत्या के लिए RSS को जिम्मेदार बताने वाले आरोप से दूरी बनाने के बाद इस आपराधिक मानहानि के केस में वादी RSS कार्यकर्ता ने मुकदमा वापस लेने का प्रस्ताव रखा। सुप्रीम कोर्ट का भी कहना था कि मामला खत्म करने के लिए इतना काफी है। हालांकि इसके बाद RSS कार्यकर्ता की तरफ से पैरवी कर रहे वकील यू. आर. ललित ने अपने मुवक्किल से सलाह लेने के लिए समय मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 1 सितंबर को तय की है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 19 जुलाई को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से कहा था कि उन्हें महात्मा गांधी की हत्या के लिए RSS को जिम्मेदार ठहराने के बयान पर माफी मांगनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि राहुल को इस मामले में माफी मांगनी चाहिए या फिर कोर्ट में ट्रायल का सामना करना चाहिए। कांग्रेस उपाध्यक्ष के खिलाफ दायर मानहानि केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राहुल से पूछा, ‘आपने क्यों इस तरह का अतिरेकपूर्ण बयान दिया और RSS से जुड़े हर शख्स पर सवाल खड़े किए।’

जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस आर. एफ. नरीमन की बेंच ने 19 जुलाई की सुनवाई में राहुल पर कहा, ‘आप किसी संगठन पर इस तरह से थोक में आक्षेप नहीं लगा सकते हैं।’ राहुल गांधी के वकील ने अदालत में उनके बयान को रही ठहराते हुए तर्क दिया था कि यह ऐतिहासिक तथ्य है और यहां तक कि सरकारी रेकॉर्ड में भी है। शीर्ष अदालत ने कहा कि राहुल गांधी को यह साबित करना चाहिए कि RSS के खिलाफ उनके बयान में जनहित से जुड़ा क्या था, लिहाजा यह मामला ट्रायल के योग्य है।

मार्च 2014 में राहुल गांधी ने ठाणे में एक जनसभा को संबोधित करते कहा था, ‘RSS के लोगों ने गांधीजी की हत्या कर दी थी और आज उनके लोग (बीजेपी) उनकी बात करते हैं।’ राहुल गांधी ने मई 2015 में सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए क्रिमिनल केस को खत्म करने की मांग की थी।