Breaking News

ओवैसी के एक बयान से सुलग उठे मुस्लिम कट्टरपंथी ! लग गई भयंकर वाली आग

नई दिल्लीएआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए हैं। इस बार वो हिंदु संगठनों के नहीं बल्कि कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं। दरसअल, एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाली हज सब्सिडी को खत्‍म करने की मांग की है। साथ ही उन्‍होंने कहा कि इससे बचने वाला पैसा मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा पर खर्च किया जाए। जहां एक ओर तमाम संगठन ओवैसी के इस बयान की तारीफ कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर कुछ कट्टरपंथी उनकी इस मांग का विरोध कर उन्‍हें पर लाल-पीले हो रहे हैं। कुछ लोगों की मांग है कि हज सब्सिडी को खत्‍म नहीं किया जाना चाहिए। जाहिर है ऐसे में इस मामले पर देश की राजनीति भी गरमा सकती है।

दरसअल, केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने हज सब्सिडी को लेकर छह सदस्‍यीय एक्‍सपर्ट की एक कमेटी बनाई है। ये कमेटी ये पता लगाएगी कि केंद्र सरकार की ओर से जो मुस्लिम हज यात्रियों को सब्सिडी दी जाती है कि उसका असरदार है भी या नहीं। केंद्र सरकार की ओर से ये सब्सिडी हज यात्रियों को एयर इंडिया के जरिए सस्ती हवाई यात्रा के लिए दी जाती है। इतना ही नहीं हज यात्रा के लिए जो यात्री रवाना होते हैं कि उन्‍हें एयरपोर्ट टर्मिनल तक पहुंचने के लिए घरेलू यात्रा में भी मदद दी जाती है। ऐसे में अब हज सब्सिडी की समीक्षा की जा रही है। जिसके बीच में ही एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इस सब्सिडी को खत्‍म करने की मांग कर दी है।

हज सब्सिडी खत्म होने की संभावना; समिति गठित, सउदी अरब ने भारत का कोटा बढ़ाया

सिर्फ ओवैसी ही नहीं बल्कि मशहूर गीतकार और पूर्व राज्य सभा सांसद जावेद अख्तर की भी यही मांग है कि हज सब्सिडी को खत्‍म कर दिया जाए। मशहूर गीतकार जावेद अख्‍तर ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया और लिखा है कि आखिरकार केंद्र सरकार ने एक एक्‍सपर्ट कमेटी बनाने का फैसला किया है जो हज सब्सिडी पर विचार करेगी। इसके बाद उन्‍होंने लिखा है कि अगर इस सब्सिडी को पहले ही खत्म कर दिया जाता तो बेहतर होता। इस बीच केंद्र सरकार के अल्‍पसंख्‍यक मामलों के मंत्रालय ने भी ये साफ कर दिया है कि कमेटी के गठन का ये कतई मतलब नहीं है कि सरकार हज सब्सिडी को खत्म करना चाह रही है। मंत्रालय का मकसद सिर्फ हज यात्रियों को मिलने वाली सब्सिडी की समीक्षा करना है।

देश में हज सब्सिडी को लेकर हमेशा से राजनीति होती रही है। यूपीए सरकार में भी ये मुद्दा उठा था। लेकिन, राजनीति के चलते कभी इसकी समीक्षा ही नहीं हो पाती है। केंद्र सरकार चाहती है कि उसे इसकी व्‍यवहारिकता का पता चले। ताकि हज सब्सिडी को ज्‍यादा तर्कसंगत बनाया जा सके। 2012 में भी सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि इस प्रथा को बंद किया जाए। वहीं एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी ये कहते हैं कि हज सब्सिडी को खत्‍म करके इस रकम को मुस्लिम लड़कियों की एजूकेशन पर खर्च किया जाए। ये मामला उस वक्‍त उठा है जब सऊदी अरब ने भारत के सलाना हज कोटे में 34 हजार पांच सौ का इजाफा कर इसे एक लाख 70 हजार रुपए कर दिया है। 1988 के बाद हज कोटे में ये सबसे बड़ा इजाफा है।