ओडिशा विधानसभा में गुरुवार को भाजपा विधायक राधारानी पंडा ने सनसनीखेज आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बारगढ़ जिले में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बैठक वाले स्थान पर एंट्री देने से पहले एक महिला को उसका काले रंग का पेटीकोट उतारने को कहा गया। पंडा के इस आरोप पर संसद में हंगामा मच गया। 4 दिसंबर को सुंदरगढ़ जिले में हुए एक सरकारी कार्यक्रम में सुरक्षा बलों ने लड़कियों और महिलाओं से काली ओढ़नी (स्टोल) उतारने को कहा था। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भी शामिल हुए थे। गुरुवार को विधानसभा में इसी मुद्दे पर बोलते हुए पंडा ने यह आरोप लगाया। पंडा ने कहा कि उन्हें मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए 25 नवंबर को हुई इस घटना का पता चला। उन्होंने कहा, ”बारगढ़ में हुई मुख्यमंत्री की बैठक में हिस्सा लेने के लिए एक महिला को अपना काला पेटीकोट उतारने तक को कह दिया गया।” पंडा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की बारगढ़ बैठक के दौरान एक 5 साल का एक बच्चा दम घुटने की वजह से मर गया।
ब्रजराजनगर से भाजपा विधायक पंडा का आरोप है कि 23 नवंबर को जब वह झारसुगुदा में मुख्यमंत्री की बैठक के लिए जा रही थीं, तो एक पुलिसकर्मी ने उनका काला शॉल जबरदस्ती हटा दिया। पंडा ने कहा कि उन्हें बैठक में जाने का न्योता मिला था। पंडा ने पूछा, ”क्या इस सरकार में महिलाओं को ऐसी ही इज्जत मिलेगी।” सत्ताधारी पार्टी के विधायकों ने पंडा के भाषण के दौरान कई बार टोकाटाकी की, मगर पंडा ने कहा, ”मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक में मैंने खुद को बेइज्जत और शोषित महसूस किया।”
पंडा ने आरोप लगाया कि बारगढ़, झारसुगुदा और सुंदरगढ़ में हुई मुख्यमंत्री की बैठकों में महिलाओं के सम्मान को चोट पहुंचाई गई। हस्तक्षेप करते हुए सरकार के मुख्य व्हिप अनंत दास ने पूछा कि विधायक ने यह मामला पहले क्यों नहीं उठाया, जबकि विधानसभा का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू हुआ है।
दास ने कहा कि सुंदरगढ़ में हुई घटना पर मुख्यमंत्री पहले ही बयान दे चुके हैं। पटनायक ने कहा था कि वह खुद ऐसी घटना के बारे में जानकर ‘हैरान’ हैं। मुख्यमंत्री ने घटना पर नाराजगी जाहिर की और डीजीपी से मामले की जांच करने को कहा। उन्होंने डीजीपी से यह सुनिश्चित करने को कहा कि राज्य में इस तरह की घटनाएं फिर नहीं हों।