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ऐक्शन में नए CBI चीफ, कई बड़े नेताओं पर कसने वाला है शिकंजा

नई दिल्ली। वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों के सौदों में कथित घूसखोरी के मामले से जुड़े अगुस्टा वेस्टलैंड केस की सीबीआई जांच में हाल के वक्त में काफी तेजी आई है। एजेंसी के अंतरिम चीफ राकेश अस्थाना ने पूर्व वायुसेना प्रमुख त्यागी की गिरफ्तारी के बाद अब मामले से जुड़े राजनेताओं की जांच के लिए रजामंदी दे दी है।

यह खबर कांग्रेस को परेशान कर सकती है क्योंकि पार्टी के कुछ नेताओं के नाम इस मामले से जुड़ चुके हैं। सीबीआई के पास एक डायरी है, जिसमें कथित तौर पर इन नेताओं के नाम दर्ज हैं। माना जा रहा है कि अस्थाना ने जांच का दायरा राजनेताओं तक बढ़ाने के लिए रजामंदी दे दी है। जिस डायरी में कथित तौर पर कांग्रेसी नेताओं का नाम है, वो इटली की अदालत ने सीबीआई को सौंपी है। सीबीआई अधिकारी ने कहा, ‘हम पूछताछ के लिए नेताओं को बुलाने से पहले डायरी के तथ्यों की पुष्टि करेंगे।’

अगुस्टा केस में काफी वक्त से सुस्त नजर आ रही सीबीआई जांच ने बीते 25 दिन में अचानक से रफ्तार पकड़ ली है। यह सब कुछ अस्थाना की अगुआई में हो रहा है। अस्थाना के पद संभालने के एक हफ्ते के भीतर त्यागी और दो अन्य आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए। हाल ही में दो तृणमूल सांसद भी गिरफ्तार किए गए। ऐसे में इन हाई प्रोफाइल लोगों की गिरफ्तारी को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए क्योंकि एजेंसी अभी तक ऐसे बड़े कदम उठाने से बचती रही है।

एक सीनियर सीबीआई अफसर ने बताया, ‘जांच में सहयोग न करना ही किसी की गिरफ्तारी की एकमात्र वजह नहीं है। किसी आरोपी को गिरफ्तार करके जुटाए गए सबूतों से उसका सामना कराया जाता है। ऐसा कस्टडी में होने वाली जांच के दौरान किया जाता है। जांच के इसी चरण में होने की वजह से त्यागी को गिरफ्तार किया गया। इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि उन्हें बड़ी रिश्वत दी गई थी।’

यह भी सवाल उठ रहे हैं कि एफआईआर 2013 में दर्ज की गई लेकिन इन तीन सालों में त्यागी को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया जबकि वे कई बार एजेंसी के सामने पेश हुए। अधिकारी ने कहा, ‘आप कदम न उठाने और अब ऐक्शन लेने, दोनों पर ही सवाल नहीं उठा सकते।’ बता दें कि एजेंसी ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए त्यागी को दी गई बेल को चुनौती दी है। हाई कोर्ट में याचिका दायर करके सीबीआई ने मांग की है कि त्यागी को जेल में रखा जाए और उन्हें अन्य संदिग्धों से तब तक दूर रखा जाए जब तक सीबीआई चार्जशीट फाइल कर देती। अधिकारी के मुताबिक, ‘अगुस्टा मामले में पहली चार्जशीट अगले महीने दाखिल की जाएगी। ‘

17 हजार करोड़ रुपये के रोज वैली चिटफंड घोटाले में दो तृणमूल सांसद सुदीप बंदोपाध्याय और तपन पाल की गिरफ्तारी पर अफसर ने कहा, ‘यह मामला 2014 से ही लंबित है। पहली चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। हम इस मामले में हुई बड़ी साजिश और पैसों के लेनदेन की जांच कर रहे हैं। सांसदों को तभी गिरफ्तार किया गया, जब उनके खिलाफ सबूत मिले। अभी कुछ और गिरफ्तारियां होनी हैं।’

सीबीआई को हाल ही में हरियाणा सरकार की ओर से नैशनल हेरल्ड केस में पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ जांच की सिफारिश मिली है। दिल्ली की आप सरकार के खिलाफ भी सीबीआई सात मामलों की जांच कर रही है। अस्थाना के पद संभालने के एक हफ्ते बाद 9 दिसंबर को सीबीआई ने डीएमके नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन और कलानिधि मारन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। गैरकानूनी टेलिफोन एक्सचेंज के मामले में यह कार्रवाई हुई जो 2013 से ही लंबित था।

गुजरात कैडर के अफसर अस्थाना सत्ताधारी पार्टी के नजदीकी माने जाते हैं। उनके एक नजदीकी अफसर के मुताबिक, अस्थाना सत्ता और विपक्ष की राजनीतिक लड़ाई में फंस गए हैं। आरोप है कि अस्थाना सीबीआई के डायरेक्टर बनने के लिए उपयुक्त नहीं हैं। इसकी वजह यह बताई जा रही है कि वे 1984 बैच के आईपीएस हैं। इस बैच को अभी तक सूचीबद्ध नहीं किया गया है। आम तौर पर सीबीआई डायरेक्टर का चुनाव चार सबसे सीनियर बैचों 1979 से 1983 तक से किया जाता है। प्रशांत भूषण ने अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। वहीं, केद्र सरकार को अगले डायरेक्टर का चुनाव करने के लिए एक मीटिंग बुलाना है। सीबीआई अफसरों के बीच यह जोक आजकल खूब लोकप्रिय हो रहा है कि अस्थाना ने अभी से ही अगले डायरेक्टर के काम का अजेंडा तय कर दिया है।