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एशिया कप : धोनी का विजयी छक्का, धवन और कोहली का कमाल, टीम इंडिया छठी बार चैंपियन

shikhar6मीरपुर। अल-अमीन धोनी को, और यह शानदार छक्का। धोनी ने अपने ही अंदाज में भारत को बनाया चैंपियन। यह धोनी का अंदाज था। मिड-विकेट के ऊपर से लगाए गए इस छक्के के दम पर भारत छठी बार एशिया कप का चैंपियन बन गया।

 फाइनल मुकाबले में उसने बांग्लादेश को विकेट से हरा दिया। जीत के लिए मिले 121 रनों के लक्ष्य को भारत ने विराट कोहली और शिखर धवन की पारियों और कप्तान धोनी के 6 गेंदों पर 20 रनों की बदौलत 13.5 ओवरों में हासिल कर लिया। बारिश के कारण यह मैच 15-15 ओवर का कर दिया गया था। भारत की जीत के हीरो रहे शिखर धवन 60(44 गेंद, 9 चौके, एक छक्का) और विराट कोहली () । दोनों ने मिलकर बांग्लादेश को शुरुआती सफलता के बावजूद जीतने नहीं दिया।

मीरपुर के शेर-ए-बांग्ला नैशनल स्टेडियम में लक्ष्य का पीछा करने उतरे भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही। मैच के दूसरे ही ओवर में अल-अमीन हुसैन ने रोहित शर्मा को एक रन के निजी स्कोर पर आउट कर दिया। इस समय टीम का स्कोर 5 रन था। रोहित एक बाहर जाती गेंद को खेलने के प्रयास में स्लिप में खड़े सौम्य सरकार को कैच थमा बैठे। इसके बाद विराट कोहली और शिखर धवन ने मिलकर भारतीय पारी को संभालने का काम किया। दोनों ने मिलकर दूसरे विकेट के लिए 11.1 ओवर में 94 रन जोड़े।

कोहली और धवन ने शुरुआती ओवरों में थोड़ा संभलकर बल्लेबाजी की। बांग्लादेशी गेंदबाज उन्हें खुलकर खेलने का मौका नहीं दे रहे थे। लेकिन एक बार नजरें जमने के बाद दोनों ने रन बनाने की गति तेज की। पांचवें ओवर में अबु हैदर के ओवर में 14 रन बनाकर भारतीय जोड़ी ने अपने हाथ खोले। इस ओवर में कोहली और धवन ने एक-एक चौका जड़ा। छठे ओवर में शाकिब अल हसन गेंदबाजी करने आए। इस ओवर में कोहली और धवन ने 15 रन जोड़कर भारतीय पारी को जीत की पटरी पर डाल दिया। भारत ने सातवें ओवर में 50 रन पूरे किए। इसी ओवर में इस भारतीय जोड़ी ने 50 रनों की साझेदारी भी पूरी कर ली।

बांग्लादेशी गेंदबाज भारतीय जोड़ी को रोकने में नाकामयाब रहे। आखिरी पांच ओवर में भारत को जीतने के लिए 50 रन चाहिए थे। 11 ओवर में शाकिब अल हसन की पहली ही गेंद पर चौका लगाकर धवन ने अपनी हाफ सेंचुरी पूरी की। भारत को दूसरा झटका शिखर धवन के रूप में लगा। धवन को 13वें ओवर में तस्कीन अहमद ने सौम्य सरकार के हाथों कैच कराया।

इससे पहले, पांच बार के चैम्पियन भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करते हुए बारिश के कारण 15 ओवरों तक सीमित किए गए मैच में मेजबान टीम को 15 ओवरों में पांच विकेट पर 120 रनों पर सीमित कर दिया। दूसरी बार फाइनल में पहुंची बांग्लादेश टीम के लिए महमुदुल्लाह रियाज ने सबसे अधिक 33 रनों का योगदान दिया जबकि शब्बीर रहमान ने नाबाद 32 रन बनाए। इन दोनों ने 20 गेंदों पर 45 रन जोड़े।
मेजबान टीम ने अंतिम पांच ओवरों में 52 रन बनाए। मेजबान टीम की शुरुआत अच्छी रही। तमीम इकबाल (13) और सौम्य सरकार (14) ने आक्रामक अंदाज में शुरुआत की और 4 ओवरों में 27 रन जोड़े। दोनों ने आशीष नेहरा द्वारा फेंके गए पारी के चौथे ओवर में तीन चौके लगाए लेकिन अंतिम गेंद पर नेहरा ने सरकार को हार्दिक पंड्या के हाथों कैच करा दिया। सौम्य ने 9 गेंदों पर तीन चौके लगाए।

तमीम भी सौम्य के बराबर खतरनाक दिख रहे थे लेकिन जसप्रीत बुमराह ने 30 के कुल योग पर उन्हें पगबाधा आउट कर भारत को दूसरी सफलता दिलाई। तमीम ने 17 गेंदों पर दो चौके लगाए। इसके बाद शाकिब अल हसन (21) ने खुलकर हाथ दिखाए और 16 गेंदों पर तीन चौके लगाए। शाकिब और शब्बीर तीसरे विकेट के लिए 34 रन जोड़े। शाकिब का स्थान लेने आए मुशफिकुर रहीम (4) और कप्तान मशरफे मुर्तजा (0) को भारत ने अधिक देर नहीं टिकने दिया। मुशफिकुर को कोहली ने रन आउट किया जबकि मुर्तजा को रवींद्र जडेजा ने कोहली के हाथों कैच कराया।

इसके बाद बांग्लादेश के लिए कुछ अच्छा होना था और शायद इसी लिए महमुदुल्लाह विकेट पर आए। आते ही इस खिलाड़ी ने जोरदार शॉट्स लगाए। महमुदुल्लाह की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी ने भारत को बैकफुट पर ला दिया। महमुदुल्लाह की वजह से ही बांग्लादेश 100 और फिर 120 रनों का मजबूत स्कोर हासिल कर सका। एक समय उसके 100 तक भी पहुंचने के आसार नहीं दिख रहे थे।

महमुदुल्लाह ने 13 गेदों पर दो चौके और दो छक्के लगाए जबकि शब्बीर ने 29 गेंदों पर दो चौके जड़े। भारत की ओर से रविचंद्रन अश्विन और बुमराह ने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए अपने तीन ओवर के कोटे में क्रमश: 14 और 13 रन दिए तथा एक-एक सफलता हासिल की। रवींद्र जडेजा और अशीष नेहरा को भी एक-एक विकेट मिला।