नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि एयरसेल-मैक्सिस केस में बरी होने के बावजूद मारन बंधुओं की कुर्क की गई संपत्ति मुक्त नहीं होनी चाहिए। ईडी ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि विशेष 2जी अदालत को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह मारन बंधुओं की आरोपमुक्ति के बाद उनके द्वारा दिए गए बांड को स्वीकार नहीं करे।
सुप्रीम कोर्ट में दोपहर 2 बजे से इस मामले की सुनवाई होने वाली है। पटियाला हाउस कोर्ट की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को एयरसेल-मैक्सिस केस में पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन समेत सभी आरोपियों को राहत देते हुए आरोप मुक्त करते हुए बरी कर दिया है। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से इन सभी के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
#FLASH ED moves SC against Special Court’s order on Aircel-Maxis case which discharged Maran & other accused
ED moves SC against the discharge of Maran & others in Aircel-Maxis case without furnishing the bail bond properly
ED moves SC against the discharge of Maran & others in Aircel-Maxis case without furnishing the bail bond properly
ED also urges the Supreme Court to not release the properties attached in Aircel- Maxis case
यह मामला एयरसेल के प्रमोटर सी शिवसंकरन को 2006 में मलेशियाई टेलिकॉम फर्म मैक्सिस में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए उन पर कथित तौर पर दबाव डालने से जुड़ा था। इसमें कथित तौर पर रिश्वतखोरी का आरोप भी था। स्पेशल सीबीआई जज ओ पी सैनी ने गुरुवार को अपने ऑर्डर में कहा, ‘मैं इस बात से संतुष्ट हूं कि यह पूरा मामला ऑफिशल फाइल्स को गलत ढंग से पढ़ने, गवाहों के परस्पर विरोधी बयानों और सी शिवशंकरन की अटकलों पर आधारित था।’
यह घटनाक्रम मारन बंधुओं के लिए बड़ी राहत है, लेकिन सीबीआई और एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट के लिए बड़ा झटका है, जो कई वर्षों से इस मामले की जांच कर रहे थे। यह मामला 2 जी स्पेक्ट्रम एलोकेशन स्कैम से जुड़ा था। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में मारन बंधुओं, कलानिधि की पत्नी कावेरी, साउथ एशिया एफएफ लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर के. शनमुगम, एसएएफएल और सन डायरेक्ट टीवी प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया था।