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एंटी रोमियो स्क्वॉड की कार्यशैली कही योगी सरकार के लिए बन न जाये मुसीबत

जिस तरीके से पुलिस की ये टीमें काम कर रही हैं, उससे क्राइम कंट्रोल और मोरल पुलिसिंग के बीच की लकीर खत्म हो रही है  अभिभावक गुस्से में

लखनऊ।  उत्तरप्रदेश में योगी आदित्य नाथ सरकार आने के बाद एंटी रोमियो दल अपने पूरे एक्शन में है। पुलिस की टीमों ने बीते दो दिनों से कई जगहों पर छापेमारी की और कई लोगों को पकड़ने का दावा भी किया। यूपी के खीरी पुलिस ने इसके तहत स्कूल, कालेज और कोचिंग सेंटरों के पास संदिग्ध अवस्था में खड़े युवकों की तलाशी ली व उनसे पूछताछ की।

सरकार का कहना है कि  एंटी रोमियो दल का मकसद छेड़खानी रोकना और लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है लेकिन कई ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं जिनमे लड़के और अभिभावक, दोनों ही पुलिस की इस पहल से प्रताड़ित होने का आरोप लगा रहे हैं।

उनका आरोप था कि जिस तरीके से पुलिस की ये टीमें काम कर रही हैं, उससे क्राइम कंट्रोल और मोरल पुलिसिंग के बीच की लकीर खत्म हो चुकी है। एक रिपोर्ट के अनुसार पुलिस की पूछताछ के बाद एक लड़के ने इसे ज्यादती करार दिया। उसने बताया कि ‘मैं डीएन कॉलेज के बाहर अपने दोस्त से मिलने के लिए खड़ा था और पुलिस ने मुझे वॉर्निंग दी। वे लोग मेरे घरवालों को बुलाना चाहते थे, लेकिन मैंने उन्हें सही नंबर नहीं दिया। वे तो यह भी नहीं जानते थे कि मैं लड़का या लड़की, किससे मिलने आया हूं। उनके लिए तो बाइक पर सवार एक युवक ‘मजनू’ है। ‘

वहीं, बेटे की शिकायत को लेकर पुलिस द्वारा बुलाए गए एक पिता भी इन तरीकों से सहमत नहीं दिखे। उन्होंने कहा, ‘यह पुलिस का काम नहीं है कि वह तय करे कि लड़के कहां खड़े हों और कहां नहीं। मेरा बेटा 19 साल का है और वह वयस्क है। मुझे इस बात में कोई दम नहीं नजर आता कि पिता को बुलाकर कहा जाए कि उसका बेटा मटरगश्ती कर रहा है।’