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उरी हमले के बाद बड़ा फैसला, PAK नहीं जाएंगे PM मोदी, 3 और देश भी करेंगे सार्क समिट का बहिष्कार

modi_nawaz-1नई दिल्ली। उरी में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान नहीं जाएंगे. विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा हालात में भारत सार्क सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा.

सार्क सम्मेलन नवंबर में पाकिस्तान के इस्लामाबाद में होना है. सूत्रों के अनुसार अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान भी सार्क समिट में हिस्सा नहीं लेंगे. भारत ने वर्तमान में सार्क की अध्यक्षता कर रहे नेपाल से कहा कि एक देश ने ऐसा माहौल बना दिया है जो शिखर सम्मेलन के लिए हितकारी नहीं है. विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया कि क्षेत्रीय सहयोग और आतंक एक साथ नहीं चल सकते.

1985 के बाद पहली बार ऐसा मौका
ये पहली बार होगा कि भारत सार्क सम्मेलन का बहिष्कार करेगा. सार्क सम्मेलन 9-10 नवबंर को इस्लामाबाद में होगा. 1985 के बाद ये पहला मौका होगा जब भारत ने ना सिर्फ सार्क सम्मेलन का बायकॉट किया, बल्कि सार्क के सदस्य देशों ने पाकिस्तान पर आंतक को पनाह देने का आरोप लगाते हुए सार्क सम्मेलन में ना जाने का फैसला किया है.
दक्षिण एशियाई देशों के संगठन सार्क के अगले सम्मेलन में भारत हिस्सा नहीं लेगा। यह सम्मेलन नवंबर में इस्लामाबाद में होना है। माना जा रहा है कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान भी सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे।

सूत्रों का कहना है कि भारत ने फिलहाल सार्क की अध्यक्षता कर रहे देश नेपाल को बता दिया है कि सीमा पार से आतंकवादी हमले किए जा रहे हैं और सदस्य देशों के अंदरूनी मामलों में दखल दिया जा रहा है। यह काम दक्षिण एशिया के ही एक देश की ओर से हो रहा है। इस देश ने ऐसा माहौल बना दिया है, जिससे आयोजन सफल नहीं हो सकता है।

भारत ने यह साफ कर दिया है कि वह क्षेत्रीय सहयोग और संपर्क के अपने वादे पर हमेशा खरा उतरता रहा है, लेकिन ये कदम तभी आगे बढ़ सकते हैं जब आतंक से मुक्त माहौल हो। मौजूदा हालात में सरकार यह महसूस करती है कि वह इस्लामाबाद में प्रस्तावित सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले सकती है।

सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार को पता चला है कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान भी सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे। कुछ समय पहले भारत में अफगानिस्तान के राजदूत शैदा मोहम्मद अब्दाली ने कहा था कि पाकिस्तान को सीधा संदेश देने का समय आ गया है, भले ही नवंबर में सार्क सम्मेलन का बायकॉट क्यों न करना पड़े।

उनसे पूछा गया था कि क्या भारत, अफगानिस्तान और बांग्लादेश साथ मिलकर यह कदम उठा सकते हैं, तब उन्होंने कहा था कि अधिक से अधिक देशों को साथ आना चाहिए। यहां बता दें कि अफगानिस्तान और बांग्लादेश के भी पाकिस्तान के साथ संबंध खराब हैं।