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उपराष्ट्रपति बनने से पहले ही लगे करप्शन के गंभीर आरोप, वेंकैया का इनकार

नई दिल्ली। एनडीए  के उपराष्ट्रपति कैंडिडेट वेंकैया नायडू पर कांग्रेस ने भष्ट्राचार के आरोप लगाए हैं। उनपर आरोप है कि गरीबों के लिए रिजर्व जमीन पर कब्जा किया।  नायडू ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये आरोप पहले भी लगाए जाते रहे हैं।

कांग्रेस के क्या आरोप…

कांग्रेस के सीनियर लीडर जयराम रमेश का आरोप है कि नायडू ट्रांसपेरेंसी की बात करते हैं  लेकिन गरीबों की जमीन पर कब्जा करके बैठे हैं। रमेश ने वेंकैया और उनके परिवार पर कई गंभीर आरोप लगाए। कहा- तेलंगाना सरकार ने एक सीक्रेट ऑर्डर जारी किया। इसमें नायडू की बेटी के ‘स्वर्ण भारत ट्रस्ट’ को 2 करोड़ रुपए की फीस की छूट दे दी।

रमेश ने ये भी आरोप लगाया कि तेलंगाना सरकार ने 2014 में बिना टेंडर प्रॉसेस किए हर्ष टोयोटा को 271 करोड़ रुपए की पुलिस की गाड़ियां खरीदने का टेंडर जारी कर दिया। आरोप है कि हर्ष टोयोटा के दो मालिक हैं। एक वेंकैया का बेटा जबकि दूसरा तेलंगाना के सीएम का बेटा।

रमेश का आरोप है कि 6 अप्रैल 2011 को सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में 20 एकड़ जमीन के अलॉटमेंट को खारिज कर दिया था। ये जमीन कुशाभाऊ ठाकरे मेमोरियल ट्रस्ट को दी गई थी। नायडू इसके चेयरमैन थे।

बीजेपी दे सफाई

रमेश ने कहा- हम जो आरोप लगा रहे हैं उन पर बीजपी और नायडू को सफाई देनी चाहिए। ताकि देश को सच्चाई पता लग सके। नायडू सीनियर लीडर हैं और वाइस प्रेसिडेंट कैंडिडेट भी। वो हमेशा ट्रांसपेरेंसी की बातें करते हैं। अब उन्हें इसी स्पिरिट के हिसाब से सवालों के जवाब देने चाहिए।

नायडू ने किया आरोपों से इंकार

वेंकैया की तरफ से एक लिखित बयान जारी किया गया। इसमें कहा- कांग्रेस के आरोपों से साबित होता है कि वो कितनी परेशान और टूटती आशाओं वाली पार्टी हो चुकी है। नायडू ने काह कि कांग्रेस का स्तर इतना गिर जाएगा। कभी कल्पना भी नहीं की थी।

नायडू ने कहा- जमीन का मामला आंध्र की लोकल कांग्रेस ने 2002 में भी उठाया था। वो इसे लेकर कोर्ट में भी गए थे। लेकिन, वहां तमाम आरोप खारिज कर दिए गए थे।