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‘उन्होंने तबतक मेरे पेट को दबाए रखा जबतक भ्रूण बाहर नहीं आ गया’

aborshanबुलंदशहर। 16 साल की नाबालिग हिना खान के साथ हुए रेप, प्रताड़ना और अवैध गर्भपात का यह मामला इंसानियत को रुला देने वाला है। बुलंदशहर की उस नाबालिग को उस दिन ऐसा लगा जैसे वह जहन्नुम (नरक) देख रही है। हिना पूछती हैं कि 8 घंटे की उस पीड़ा को और कैसे बताएं जब किसी ने आपके पैर पकड़ रखे हों और दूसरा तबतक पेट दबाए जबतक भ्रूण बाहर न निकल जाए। इसके बाद क्या हुआ, हिना को कुछ भी याद नहीं।

हिना को जब होश आया तो सुबह के 4 बज चुके थे। बुलंदशहर में उजाला होने ही वाला था। उसके भ्रूण को काले कपड़े में लपेट कर एक प्लास्टिक बैग में रख दिया गया था। हिना को याद है कि 20 साल का उसका भाई फिरदौस उसे घर ले जाने की कोशिश कर रहा था। इस छोटे से शहर में अपनी ‘डिलिवरी स्किल’ के लिए पॉप्युलर ‘स्वयंभु’ डॉक्टर उर्मिला ने इससे इनकार कर दिया।

हिना के परिवारवालों को उसकी ‘पेट की सफाई’ (अबॉर्शन) के लिए 2500 से 6 हजार रुपये देने थे। जबतक ये पैसे नहीं दिए जाते हिना को दरवाजे के अंदर ही बंद रहना था। हिना के भाई फिरदौस ने बताया कि इसके बाद उन्होंने पुलिस को फोन किया। दो मंजिला घर में क्लिनिक चलाने वाली महिला उर्मिला ने तब हिना को जाने दिया।
7 महीने के भ्रूण को प्लास्टिक की थैली में ले फिरदौर और उनकी मां शहनाज खान को कोतवाली देहात थाने लाया गया। यह वारदात 29 अगस्त की है। दो दिनों बाद बुलंदशहर के बाबू बनारसी दास अस्पताल में बैठी हिना उस दौरान भी दर्द से गुजर रही थी। हिना ने आरोप लगाया कि उसके पड़ोसी मोहम्मद यूनुस (20) ने दो बार उसके साथ रेप किया और महीनों तक प्रताड़ित भी किया।

हिना ने बताया कि वह इतनी डरी हुई थी कि उसने अपने घरवालो को कुछ नहीं बताया। यूनुस उसे धमकाता था, पीटता भी था। जब हिना का पेट बढ़ने लगा तो उसकी मां शहनाज को शंका हुई। वह उसे गांव के हकीम (डॉ. बिजेंद्र) के पास ले गई। हिना का परिवार यूनुस के घर भी पहुंचा, जहां आरोपी की मां ने हिना को अबॉर्शन सेंटर जाने के लिए कहा

कोतवाली देहात स्टेशन ऑफिसर रमेश कुमार ने बताया कि उन्होंने युनुस, उसकी मां, बिजेंद्र और उर्मिला के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। उर्मिला को अवैध गर्भपात कराने के आरोप में गिरफ्तार भी कर लिया गया। बाकी सारे आरोपी फरार हैं।

हिना तो किसी तरह खतरनाक अवैध गर्भपात के बाद भी बच गई पर देश में इस तरह की घटनाएं आम हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक एक साल में पूरे देश में करीब 6 लाख अबॉर्शन होते हैं। हालांकि एक्सपर्ट इन आंकड़ों से इत्तेफाक नहीं रखते। एक अमेरिकी इंस्टिट्यूट भारत में गर्भपात के मामलों पर स्टडी कर रहा है। शुरुआती अनुमान 11 लाख से अधिक गर्भपात का है।

(पीड़ित की पहचान छिपाने के लिए मूल नाम और पते बदल दिए गए हैं)