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उत्‍तराखंड में लागू हुआ राष्‍ट्रपति शासन, विधानसभा निलंबित

harish-rawat20नई दिल्‍ली। उत्‍तराखंड में पैदा हुए हालिया राजनीतिक संकट के बाद रविवार को राज्‍य में राष्‍ट्रपति शासन लगा दिया गया। टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक, गवर्नर की रिपोर्ट पर केंद्र सरकार ने राष्‍ट्रपति से इस बारे में जो सिफारिश की थी, उस पर उन्‍होंने मुहर लगा दी। राज्‍य विधानसभा को फिलहाल भंग नहीं किया गया है और उसे निलंबित रखा गया है।

उधर, कांग्रेस ने इस आदेश को असंवैधानिक बताते हुए इसे चुनौती देने की बात कही है। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि फैसले को कानूनी चुनौती दी जाएगी।

राष्‍ट्रपति शासन लगने के बाद जब बीजेपी से सरकार बनाने या चुनाव में जाने को लेकर सवाल पूछा गया तो पार्टी ने कहा कि दोनों विकल्‍प खुले हैं। बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि अगर राज्यपाल उन्हें सरकार बनाने को कहेंगे तो सरकार बनाएंगे और वह चुनावों में जाने के लिए भी तैयार हैं। उन्‍होंने दावा किया कि बीजेपी के पास 36 विधायक हैं।

राष्‍ट्रपति शासन ऐसे वक्‍त में लगाया गया है जब उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री हरीश रावत को बहुमत साबित करने के लिए 28 मार्च तक का वक्‍त दिया गया था। बता दें कि पिछले कई दिनों से इस बारे में खबरें आ रही थीं कि राज्‍य में राष्‍ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। हरीश रावत ने भी रविवार सुबह इस बारे में संकेत दिए थे। तब उन्‍होंने कहा था कि अब वह जनता के बीच इस मुद्दे को लेकर जाएंगे। इससे अनुमान लगाया गया था कि वह राज्‍य में नए सिरे से चुनाव की बात कह रहे हैं।

रावत ने तब बीजेपी और केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि राज्‍य के इतिहास में यह लंबे अंतराल के बाद हो रहा है कि कोई शासक दल सत्‍ता के अहंकार में चूर होकर एक छोटे से सीमांत राज्‍य में राष्‍ट्रपति शासन लगाने की धमकी दे रहा है।

उत्‍तराखंड में हालिया राजनीतिक संकट तब पैदा हुआ था जब विजय बहुगुणा के नेतृत्‍व में कांग्रेस के 9 विधायक बागी हो गए थे और उन्‍होंने बीजेपी के साथ हाथ मिला लिया था।