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ईमानदारी के नाम पर सत्ता में पहुंची, आम आदमी पार्टी के दोहरे चरित्र का खुलासा

नई दिल्ली।  जी हां, हम बात कर थे है आम आदमी पार्टी की जिसने अन्ना हजारे के आंदोलन का सहारा लेकर  केजरीवाल के साथ राजनीतिक दल के रूप में रातो रात आम आदमी पार्टी का गठन कर लिया। अन्ना हजारे के साधुत्व पर विश्वास कर  दिल्ली की जनता ने इन चाटुकारों की बातों पर भी विश्वास कर लिया। ईमानदारी का चोला पहने कुछ शातिरों ने पहले अपनी ही पार्टी  से ईमानदार छवि वाले व्यक्तियों को दर किनार करना शुरू कर दिया।

गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व आम आदमी पार्टी से निष्काषित कपिल मिश्रा ने स्वम अरविंद जेजरीवाल और सतेंद्र जैन के बीच हुई 2 करोड़ के लेन देन कि बात का खुलासा किया था। कपिल मिश्रा ने  प्रमाण भी दिये थे पर उनकी किसी ने न सुनी। उन्हें उनकी इमानदारी को भुगतना पड़ा और पार्टी से निलंबित कर  दीये गए। मीडिया ने भी सब जानते हुये उनका साथ नही दिया। कारण कुछ नामी गिरामी वामपंथी मानसिकता वाले पत्रकारो की स्वार्थ सिद्धि।

.कपिल मिश्रा के आरोपो की पुष्टि का जीता जागता उदाहरण बीते शनिवार को उस समय पक्का हो गया जब CBI को एक लॉकर में जैन की करोड़ो की संपत्ति के कागज़ मिले। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीबीआई जांच का सामना कर रहे दिल्ली के हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन की मुश्किलें अब और बढ़ सकती हैं जब दिल्ली डेंटल काउंसिल के रजिस्ट्रार डाॅ. ऋषिराज और वकील प्रदीप शर्मा की शनिवार रात हुई गिरफ्तारी के बाद उनके एक लॉकर की तलाशी में सत्येंद्र जैन की करोड़ों की प्रॉपर्टी के कागज और चेक बुके मिली हैं। ऋषिराज और प्रदीप पर दिल्ली डेंटल काउंसिल में ब्लैकलिस्टिंग से जुड़ा एक केस सुलझाने के एवज में एक शख्स से 4.73 लाख रुपए रिश्वत लेने का आरोप है। सीबीआई को शक है कि जब जून 2017 सत्येंद्र जैन के घर पर छापेमारी की गई थी, तब उन्होंने अपनी प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज, कैश और चेक ऋषिराज के लॉकर में रखवा दिए थे।

लॉकर में जैन से जुड़ दस्तावेजों में दिल्ली के कराला गांव में 12 बीघा 2 बिस्वा और 8 बीघा 17 बिस्वा जमीन की सेल डीड शामिल है। लॉकर में  कराला की ही 14 बीघा जमीन की पावर ऑफ अटॉर्नी, जैन के परिवार के सदस्यों और उनकी कंपनियों की 41 चेकबुक, 2011 की जैन के नाम से 2 करोड़ रुपए की बैंक डिपॉजिट स्लिप्स मिलीं। इसके अलावा लॉकर से आधा किलाे सोना, 24 लाख कैश भी मिले। हालांकि, यह किसका है, इसका खुलासा नहीं हो सका।

सत्येन्द्र जैन पर हवाला कारोबारियों से संबंध का आरोप लग चुका है। आयकर विभाग ने दावा किया था कि उनसे जुड़ी कंपनियों में हवाला के जरिए पैसे आया। इससे दिल्ली व आसपास 200 एकड़ से ज्यादा जमीन खरीदी गई। 2015-16 में पद पर रहते हुए जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोपी भी लग चुका है। इसी मामले में सीबीआई ने जून 2017 में सत्येंद्र जैन के घर और दफ्तर पर छापा मारा था। डाॅ. ऋषिराज के लॉकर से यह दस्तावेज मिलने के बाद अब सीबीआई सत्येंद्र जैन से पूछताछ कर सकती है।

दिल्ली डेंटल काउंसिल में 8 इलेक्टेड और 3 दिल्ली सरकार द्वारा नामित सदस्य होते हैं। दिल्ली सरकार द्वारा नामित सदस्यों में से ही एक डॉ. ऋषिराज थे, जिन्हें बाद में काउंसिल का रजिस्ट्रार बना दिया गया।डॉ. ऋषिराज एक प्राइवेट प्रैक्टिशनर हैं। वहीं, दिल्ली सरकार द्वारा नॉमिनेटेड दो अन्य सदस्यों में डॉ. एसएच गुगलानी और अरविंद केजरीवाल के डेंटिस्ट डॉ. विपिन मित्तल शामिल हैं।

इस बारे में दिल्ली के ग्रेटर कैलाश से आप विधायक सौरभ भारद्वाज, जिन्होंने दिल्ली विधान सभा मे EVM हैकिंग का नाटकीय खेल किया था और बाद में चुनाव आयोग के समक्ष जाने से डर गए थे, ने कहा की यह दस्तावेज जैन 2 बार सीबीआई को दे चुके हैं। पिछले कई सालों की इनकम टैक्स रिटर्न में घोषित है। बीजेपी सरकार सिर्फ उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रही है। पेशे से इंजीनियर सौरभ भारद्वाज CA की भी भाषा बोलने लगे, अब CBI को इनसे भी गहन पूछ ताछ करनी चाहिए क्योकि ऐसा लगता है कि भारद्वाज के पास सभी आप नेताओं का विवरण  है।

कपिल मिश्रा का आरोप अब सच प्रमाणित हो रहा है। आम आदमी पार्टी के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने कहा, “जैन के भष्ट्राचार में शामिल होने की बात मैंने राजघाट पर कही थी। वह अब सच साबित हो रही है।” उधर, बीजेपी के ऑफिशयल ट्विटर अकाउंट पर सवाल किया गया कि छापे में जैन के नाम के डॉक्यूमेंट मिले। ऐसे में केजरीवाल का यह कहने का क्या मतलब है कि हम अलग तरह की स्वच्छ राजनीति करने आए हैं। मामले में चिन्हित नेता पर यह शक होना लाज़मी है कि वह व्यक्ति ही पैसा एकत्र कर ऊपर के लोगो को पहुंचाता था जो जनता को  ईमानदारी का चोला दिखाते है।

अब CBI को चाहिए कि सत्येन्द्र जैन और उनसे जुड़े आम आदमी पार्टी के और भ्रष्ट नेताओ- जो राज्य सभा सदस्य भी बन चुके है या पार्टी में अपनी मजबूत पकड़ बनाये है, के ऊपर भी शिकंजा कस कर उनकी भी बेनामी सम्पत्तियी के बारे में जांच करे, जिनका खुलासा कपिल मिश्रा कर चुके है।